इंदौर के इतिहास में हुए सबसे दर्दनाक हादसे ने कई लोगों की जान ले ली है। रामनवमी पर पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी की छत पर बैठकर 50 से अधिक लोग पूजा कर रहे थे। उसी वक्त छत धंसने से लोग बावड़ी में जा गिरे। इसमें कई महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की जान चली गई। आज भी इस तरह के हादसे होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कुएं, बावड़ी, बोरिंग खुले होने से या कच्चे तरह से भरने से लगातार हादसे हो रहे हैं। लापरवाही से हुए इस हादसे ने इंदौर शहर के कई परिवारों की खुशियों को छीन लिया है। अगर आपको कहीं भी इस तरह की लापरवाही दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें और आसपास के रहवासियों को भी इसके लिए जागरूक करें। किसी भी एक नागरिक की जागरूकता कई लोगों का जीवन बचा सकती है।
इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में अब तक 35 लोगों की जान चली गई है। 20 से ज्यादा लोगों का अभी इलाज चल रहा है। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। रात 12 से 1.30 बजे के बीच 16 शव और निकाले गए। शुक्रवार सुबह रेस्क्यू दोबारा शुरू किया गया। बावड़ी की दीवारें और स्लैब तोड़ी जा रही है। आर्मी ने भी मोर्चा संभाल रखा है। प्रशासन की भी कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। बावड़ी से काला पानी निकल रहा है, जिससे टीम को परेशानी आ रही है। 53 वर्षीय एक व्यक्ति अभी तक लापता है।
गुरुवार को रामनवमी पर यहां पूजा की जा रही थी। 11 बजे हवन शुरू हुआ था। मंदिर परिसर के अंदर बावड़ी की गर्डर फर्शी से बनी छत पर 60 से ज्यादा लोग बैठे थे। तभी स्लैब भरभराकर गिर गया। सारे लोग 60 फीट गहरी बावड़ी में जा गिरे। यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है।
गुस्साई भीड़ ने नारेबाजी की
पटेल समाज के लोगों ने शुक्रवार को हाय-हाय और मुर्दाबाद के नारे लगाए। समाज के पदाधिकारियों ने कहा- जिन लोगों के यहां मौत हुई है, उनके परिवार से सीएम शिवराज को मिलना चाहिए था। कई लोगों को एडीएम सहित अफसरों ने पहले यह बताया गया था कि मुख्यमंत्री परिवार से मिलेंगे और उनकी पीड़ा जानेंगे। बाद में कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया है।







