कोरोना से ‘मृत’ व्यक्ति के जिंदा लौटने की कहानी रहस्यमयी: खानदान और जमीन जायदाद सब याद, लेकिन 2 साल कहां था? जवाब- याददाश्त चली गई
धार के किसान कमलेश पाटीदार (40) दो साल बाद ‘जिंदा’ लौट आने के कारण चर्चा में है। उनकी मौत का प्रमाण पत्र जारी हो चुका है। परिवार वालों ने भी मृत मान लिया। पत्नी विधवा की तरह रहने लगी..। लेकिन यह कहानी जितनी सीधी बताई जा रही है, उतनी है नहीं। परिवार यह मानकर राहत जता रहा है कि कमलेश लौट आया। पुलिस और गांव के लोग भी समझ नहीं पा रहे हैं कि माजरा है क्या?
मीडिया ने गांव जाकर इस मामले के छिपे पहलुओं को खोजने की कोशिश तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। हमारी टीम सबसे पहले कड़ोदकलां के पंचायत कार्यालय पहुंची। सरपंच राधेश्याम कटारा से बात की। वे वही बातें दोहराते रहे जो कमलेश ने गांव लौटने पर सुनाई थी। मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी पूछी तो गांव के सरकारी रजिस्टर में 2021 में सिर्फ एक मौत दर्ज मिली। इसमें भी कमलेश का नाम नहीं था जबकि प्रमाणपत्र इसी पंचायत ने जारी किया था। फिर मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे बन गया? इस पर वह मौन ही रहे। कहा- मैं तो नया सरपंच बना हूं, यह प्रमाण पत्र पुराना है।