पीपलेश्वर महादेव प्राण प्रतिष्ठा एवं श्रीमद् भागवत कथा की यज्ञ के साथ हुई पूर्णाहुति।।

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कालापीपल : 
सादनखेड़ी के भेडोली बालाजी महाराज मंदिर परिसर में राजौरा परिवार द्वारा पीपलेश्वर महादेव शिवालय का निर्माण किया गया है। मंदिर में पीपलेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा का सात दिवसीय आयोजन किया गया जिसका समापन महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ हुआ ।
प्रमुख यज्ञाचार्य पंडित बालकृष्ण शर्मा खोकरा कला व वेदपाठी ब्राह्मणों के द्वारा वैदिक परंपरा से प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव व महायज्ञ संपन्न करवाया। वही पिपलेश्वर महादेव शिवालय श्रद्धालुओ दर्शनार्थ खोला गया इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पिपलेश्वर महादेव के दर्शन कर यज्ञ नारायण की परिक्रमा की व प्रसिद्ध कथा वाचक कथा व्यास पंडित मयंक व्यास के मुखारविंद से कथा श्रवण का लाभ लिया।
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास पंडित मयंक व्यास ने उन्होंने सुदामा प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो भी सुदामा चरित्र कथा का श्रवण करता है उसके यहां कभी दरिद्रता नहीं आती। मुसीबतों को झेलते हुए भी सुदामा ने तो प्रभु का सुमिरन नहीं छोड़ा। देने वाला हमेशा बड़ा होता है। 
“देखि सुदामा की दीन दशा करुणा करके करुणानिधि रोए।
 पानी परात को हाथ छुओ नहीं, नैनन के जल से पग धोए।।”
सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास पंडित मयंक व्यास ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए । यह भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जी से समझा जा सकता है। सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे लेकिन द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इसपर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे। सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी श्रोता भावुक हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया। नारायण कृपा होने पर ही लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । भागना है तो नारायण के पीछे भागो, लक्ष्मी की कृपा अपने आप हो जाएगी। जब भी भक्तों पर विपदा आई है। प्रभु उसका उद्धार करने अवश्य आए हैं। साथ ही प्रद्युमन प्रसंग जामवंती प्रसंग सहित विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से कथा का विश्राम किया गया।
सादन खेड़ी के भेडोली हनुमान मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस महाआरती कर महा प्रसादी का वितरण किया गया। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक कुणाल चौधरी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जोशी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजनों सहित विभिन्न जिलों के श्रद्धालुगण मौजूद रहे।
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