पुरानी पेंशन पर फंसी BJP, केन्द्रीय और राज्य कर्मियों के नेतृत्व ने किया राष्ट्र्व्यापी आंदोलन का ऐलान

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पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली का मुद्दा बीजेपी के गले की फांस बनता जा रहा है। प्रदेशों से निकलकर अब इस मुद्दे ने राष्ट्री य मुद्दे की शक्लज ले ली है और 2024 के लोकसभा चुनाव में यह बीजेपी के लिए मुश्किल का सबब बनने वाला है। कर्मचारियों ने ओपीएस के लिए राष्ट्र्व्यापपी आंदोलन का ऐलान कर दिया है। चंडीगढ़ में 23 राज्योंी और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी प्रतिनिधियों ने फैसला किया है कि 14 मार्च को वह ससंद के सामने सामूहिक धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद जुलाई में पूरे देश से कर्मचारी दिल्लीर के लिए कूच करेंगे और 3 नवंबर को दिल्लीज में एक बड़ी रैली के जरिये बड़े आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।
चंडीगढ़ में आज ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद ऐलान किया गया कि ओपीएस हासिल करने के लिए कर्मचारी हर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। इस बैठक में हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ सहित 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के निर्णयानुसार आंदोलन के प्रथम चरण में 14 मार्च को कर्मचारी संसद पर सामूहिक धरना देंगे और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसी दिन देश के सभी जिलों में भी प्रदर्शन किए जाएंगे।
बैठक में यह भी फैसला किया गया कि 10 मार्च तक केन्द्र और राज्य के कर्मचारी सभी राज्यों में संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन करेंगे। आंदोलन के अगले चरण में जून महीने के अंत तक सभी जिलों, तहसील और खंडों में कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। बैठक में 8 मार्च को कर्मचारी और महिला संगठनों के साथ मिलकर सभी जिलों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का भी फैसला लिया गया। इसके अलावा 5 अप्रैल को नई दिल्ली में होने वाली किसान और मजदूर रैली का समर्थन करते हुए इसमें शामिल होने का फैसला लिया गया।
फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि जुलाई महीने से केन्द्रीय और राज्य कर्मियों के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी वाहन जत्थे दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। यह कर्मचारी जत्थे “चलो दिल्ली” के नारे के साथ सभी महानगरों, शहरों, कस्बों में कर्मचारियों के कार्य स्थलों पर बैठक आयोजित करते हुए 3 नवंबर को नई दिल्ली पहुंचेंगे और 3 नवंबर को ही दिल्ली में विशाल रैली की जाएगी। इस आक्रोश रैली में बड़े आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।
ओपीएस के अलावा इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन की अन्य 3 प्रमुख मांगों में भ्रष्टाचार की जननी और शोषण की पोषक ठेका प्रथा समाप्त कर आउटसोर्स ठेका और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने, तब तक समान काम, समान वेतन और सेवा सुरक्षा प्रदान करने, केन्द्र और राज्यों में खाली पड़े 60 लाख से ज्यादा पदों को भर बेरोजगारों को रोजगार देने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और विभागों के निजीकरण पर रोक लगाने, आठवें वेतन आयोग का गठन करने, 18 महीने के बकाया डीए का भुगतान करने, एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने और लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की मांग भी शामिल है।
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