ब्लैक मेलिंग का खेल पुलिस खुद ही शिकार पहले विधायक को बनया शिकार अब थाना प्रभारी पर फेंका जाल।।

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 सीधी के थाना प्रभारी पर दैहिक शोषण का लगा रही आरोप बना जांच का विषय

पूर्व में कई लोगों पर आरोप लगा कर उगाह चुकी है मोटी रकम बदले बयान

आदत अपराधी है महिला नामचीन हस्तियों को रेप के केस में फंसाना है महिला का पेशा
रीवा (जनक्रांति न्यूज) बेटू तिवारी:– रीवा ! महिला संबंधी अपराध को रोकने के लिए सख्त कानून बने है । लेकिन इन्ही कानूनी का कुछ महिलायें दुर्पयोग कर रही । किसी पर भी छेड़छाड़ से लेकर दैहिक शोषण का आरोप लगा कर ब्लैकमेल करना इनका पेशा हो चुका है प्यार का जाल बुनकर किसी को भी अपनी बातों पर उलझा लेना और उनकी रिकार्डिंग कर उनको ब्लैकमेल किये जाने के कई यूपी से लेकर एमपी तक मिली कई आईडी , विधायक तक लगाया दुष्कर्म का आरोप मामले आलोक में आये हैं । हाल ही इसके बाद उक्त महिला पर समझौता कर अपने बयान से पलट जाने की बात सामने आई है । इस प्रकरण के एफआईआर में जन्मतिथि 1985 बताई और पति का नाम अनिल है एवम 1998 में विवाहित और 2007 में विधवा होना बताया है । इसी तरह वाराणसी में 12 लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराने वाली महिला ने 354 ( ख ) में भी समझौता कर बयान पलट दिया । में एक मामला सामने आया है जिसमें एक परित्यक्ता महिला के कई कारमाने सामने आये है । मजे की बात यह है कि उक्त परित्यक्ता के • जाल में यूपी के भाजपा विधायक से लेकर एमपी से रीवा जोन के एक थाना प्रभारी तक जा फंसे । एक ओर जहां कानून के आगोश में खेलने वाले थाना प्रभारी अपनी पत्नी सहित बचाव के लिए कानून का सहारा लेकर बचाव के लिए दर – दर भटक रहे वहीं दूसरी ओर जालसाज महिला महिला संबंधी अपराध का नाजायज फायदा उठाने के लिए पुलिस अधिकारियों से लेकर विगत 3 वर्षों से सीधी जिले में एक पुलिस अधिकारी के प्यार में होने का नाटक कर परेशान करने वाली महिला की सच्चाई कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है । फर्जी आईडी बनवा कर अपने को पुलिस अधिकारी की पत्नी होने का दावा कर रही । मजे की बात तो यह है कि उक्त महिला के कारनामें उजागर हो गये । जिसमें आधार कार्ड में गलत जानकारी अपडेट करवाने और फर्जी जानकारी के मीडियाकर्मियों के कंधे से थाना प्रभारी को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रही है । सोच का विषय साथ स्थानीय निवास प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का मामला आया सामने सामने आये दस्तावेज बताते है कि उक्त महिला ने पूर्व के प्रकरणों में अलग – अलग जन्म तिथि बताई है । उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में 7 लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद पुलिस ने जांच की जिस पर एक विधायक समेत चार लोगों को क्लीन चिट मिली । जबकि दो पर अलग – अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया यह है कि जालसाल महिला से जब न तो विधायक बच रहे और न ही पुलिस तो आम आदमी ऐसी जालसाज महिलाओं से अपने आप को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा ? ब्लैकमेल करने वाली महिला के दांव पड़ गये उल्टे बनारस में विधायक सहित कई लोगों पर दुष्कर्म एव छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली महिला की नजर सीधी जिले के थाना प्रभारी पर सोशल मीडिया के जरिये पड़ी । कोरोना काल में पुलिस सहित देश के समाजिक कार्यकर्ता एक – दूसरे की मदद कर रहे थे । उन्हीं मददगारों में सीधी जिले के थाना प्रभारी थे जो जिनको महिला ने अपने संपर्क में लेकर डोरे डालने लगी । उसे नहीं मालूम कि जिस थाना प्रभारी को फंसाने के लिए जाल बुन रही वह कानून की रग रंग से वाकिफ है । थाना प्रभारी पर जैसे ही महिला ने शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण का आरोप लगाया थाना प्रभारी चौकन्ना हो गये । और महिला की कुंडली खंगालते हुये उसके समस्त फर्जी दस्तावेज एकत्रित कर यूपी के विधायक सहित जो महिला के जाल में फंस चुके थे उस संबंध में सारे दस्तावेज समेट कर इस बात का दावा करने लगे कि उन पर आरोप लगाने वाली महिला शातिर जालसाज है ।
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