सतना: राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे निजी चिकित्सकों और हॉस्पिटल प्रबंधकों पर राजस्थान पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज का गुस्सा सतना पहुंच गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले जिले के सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। आइएमए अध्यक्ष डॉ नवीन कालरा ने बताया, जिलेभर के चिकित्सकों में घटना को लेकर नाराजगी है। सतना जिले के चिकित्सकों ने काली काली पट्टी बांधकर सेवाएं प्रदान की। चिकित्सकों ने राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल का विरोध भी किया।
लेकिन सरकार का मानना है कि विरोध से कहीं अधिक समर्थन है और खासकर आम लोग इस कानून से खुश होंगे। वहां हो रहे डॉक्टरों के विरोध पर राजस्थान सरकार से जुड़े एक शीर्ष व्यक्ति ने कहा कि राजस्थान में राइट टू हेल्थ कानून में स्पष्ट कहा गया है कि एक्सीडेंटल इमरजेंसी में प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए मना नहीं कर सकेंगे। मरीज के पैसा ना दे पाने पर सरकार भुगतान करेगी। इसके बावजूद डॉक्टर क्यों हड़ताल कर रहे हैं जबकि इस मुद्दे पर जनता डॉक्टरों के पूरी तरह खिलाफ है।
मालूम हो कि राजस्थान विधानसभा ने बीते 21 मार्च को राइट टू हेल्थ कानून को पास किया था। इस बिल के कानून बनने के बाद सरकार का दावा है कि सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज से अब मना नहीं कर सकेंगे। यहां के हर व्यक्ति को इलाज की गारंटी मिलेगी। उधर डॉक्टर और मेडिकल कर्मी इस कानून को स्वीकार करने के कतई पक्ष में नहीं है।
– सतना अवध गुप्ता






