देवगढ़ (राजसमंद) (हीरालाल)। वीर गोरक्षा दल मगरा क्षेत्र के सदस्य, श्री दिलीप सिंह छापली ने गौ सेवा और गोरक्षा के पुनीत संकल्प के साथ एक विशाल पैदल यात्रा शुरू की है। उन्होंने अपनी जन्मभूमि छापली से तिरुपति बालाजी (आंध्र प्रदेश) तक की लगभग 1950 किलोमीटर की कठिन दूरी पैदल तय करने का संकल्प लिया है।
यह यात्रा गौ रक्षा के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है। दिलीप सिंह ने बताया कि वह गोरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर रहे हैं और तिरुपति बालाजी से अपनी मन्नत पूरी करने के लिए यह पदयात्रा कर रहे हैं।
सांगावास में हुआ भव्य स्वागत
जैसे ही दिलीप सिंह अपनी यात्रा के दौरान सांगावास पहुँचे, क्षेत्र के गौ भक्तों और स्थानीय लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। रास्ते भर कई भक्तजन उन्हें चाय-नाश्ता करा रहे हैं और उनके संकल्प को देखकर उनका अभिनंदन कर रहे हैं।
स्कूली छात्र ने दिखाया अद्भुत जुनून
दिलीप सिंह के इस साहसपूर्ण कदम का असर युवाओं पर भी देखने को मिला। उन्हें देखकर एक स्कूली छात्र (मोंटू) टोल नाके से भीम के लिए उनके साथ पैदल चलने को तैयार हो गया। बालक का गोरक्षा के प्रति इतना जुनून था कि उसने भीम तक उनके साथ चलने का संकल्प ले लिया।
मोंटू का यह साहस और गौ रक्षा के प्रति समर्पण देखकर स्थानीय लोगों ने उनकी हौसला अफजाई की और गौ रक्षा के प्रति अपने साहस को बढ़ाया।
दिलीप सिंह का गौ सेवकों को संदेश
दिलीप सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण अपील भी की। उन्होंने कहा कि गोमती चौराहे से लेकर भीम तक के क्षेत्र में यदि कोई भी गौ माता बीमार, लाचार या दुर्घटनाग्रस्त होती है, तो वे तुरंत उन्हें फोन करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर गौ माता का इलाज करेगी।
दिलीप सिंह की यह पदयात्रा धार्मिक आस्था और सामाजिक जिम्मेदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।





