देश में कई तरह की फसलों की खेती की जाती है और अखरोट की खेती किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनती जा रही है। इसकी बढ़ती मांग और पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण, अखरोट का बाजार मूल्य काफी अच्छा है। आइए जानते हैं अखरोट की खेती के बारे में विस्तार से
Table of Contents
- अखरोट की खेती के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी
- अखरोट की किस्में
- अखरोट की खेती का तरीका
- अखरोट की खेती से कमाई
अखरोट की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
अखरोट की खेती के लिए अनुकूल जलवायु की बात करे तो अखरोट ठंडे और समशीतोष्ण जलवायु में अच्छी तरह से उगता है। इसे ठंड की आवश्यकता होती है ताकि फूल आ सकें। वही मिटटी का देखे तो अखरोट गहरी, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में सबसे अच्छा उगता है।
अखरोट की किस्में
भारत में कई प्रकार के अखरोट उगाए जाते हैं, जिनमें से कुछ लोकप्रिय किस्में हैं:
- चंद्र
- पेड़ू
- नांगलो
- कागजी
अखरोट की खेती का तरीका
खरोट के पौधे बीज या ग्राफ्टिंग के माध्यम से तैयार किए जाते हैं। ग्राफ्टिंग से तैयार पौधे अधिक फल देते हैं। खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल किया जाता है। पण का सबसे अच्छा समय सर्दियों का अंत या वसंत का शुरुआत होता है। पौधों को एक-दूसरे से 8-10 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। अखरोट के पेड़ों को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर गर्मी के मौसम में। पेड़ों को समय-समय पर जैविक खाद और उर्वरक देने चाहिए पेड़ों की नियमित छंटाई से उनकी वृद्धि और फल उत्पादन में सुधार होता है।
अखरोट की खेती से कमाई
अखरोट के फल पकने पर गर्मियों के अंत में या शरद ऋतु की शुरुआत में तोड़े जाते हैं। अखरोट की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। आपको बता दे की एक अखरोट के पेड़ से सीजन में अखरोट के एक पेड़ पर 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक पैदावार मिलती है. मार्केट में अखरोट 700 से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकता है. एक पेड़ से 30 हजार से 35 हजार तक कमाई हो जाती है.