पूरे देश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिस वजह से अब लोग पेट्रोल और डीजल के अलावा दूसरे तरह के वाहन खरीदना पसंद कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने के लिए लोगों में अब काफी उत्सुकता देखी जा रही है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ ही सीएनजी, एलएनजी, बायो-फ्यूल, इथेनॉल-मिक्स ईंधन जैसे हरित ईंधनों को भी बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है.
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कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पुणे में एक स्वचालित प्रणाली विकसित करने पर काम किया जा रहा है. ये सिस्टम बिना वैध PUC (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र वाले वाहनों की पहचान करेगा और उनका चालान काटेगा. इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी. इसलिए नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, नहीं तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है.
नियम न मानने पर लगेगा जुर्माना (Fine for Not Following Rules)
अगर PUC सर्टिफिकेशन की बात करें, तो ये इस बात को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं हवा को प्रदूषित न करे. वाहन उत्सर्जन मानकों का पालन करना बहुत जरूरी है. इससे स्वच्छ हवा को बढ़ावा मिलता है.
ये सर्टिफिकेशन गाड़ी के धुएं को मापकर प्रदूषकों जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन्स की मात्रा को नापते हैं, जिनका पता लगाना महत्वपूर्ण है. ये सिस्टम कई तरह से काम करते हैं. नियमों को नजरअंदाज करने पर ₹10,000 तक का जुर्माना भी लगाया जाता है.
जाने कैसे काम करेगी ये व्यवस्था (Know How This System Will Work)
महाराष्ट्र के पुणे में पेट्रोल पंपों को अत्याधुनिक स्वचालित कैमरों के साथ एक तकनीकी उन्नयन से गुजरना होगा. ये कैमरे वाहन पंजीकरण संख्या को स्कैन करने में सक्षम हैं. साथ ही, ये केंद्रीय डेटाबेस के साथ सहजता से क्रॉस-रेफरेंस कर सकेंगे ताकि प्रत्येक वाहन की PUC स्थिति की जांच हो सके.
अगर किसी गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट एक्सपायर हो जाता है, तो सीधे उनके रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर सवारों को जुर्माने की राशि के बारे में तुरंत सूचित कर दिया जाएगा. इससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. अनुपालन के लिए बफर पीरियड दिया जा सकता है. आमतौर पर ये एक या दो दिन का होता है. इससे ड्राइवरों को जुर्माना लगने से पहले अपने PUC को रिन्यू कराने का मौका मिल जाता है.