परम्परागत खेती के साथ किसान कई तरह के फल और सब्जियों की खेती भी कर रहे है। ऐसे में उत्तप्रदेश के हरदाई जिले के किसान चुकंदर की खेती कर रहे हैं। यहां के किसान चुकंदर की खेती से काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे है। इसकी खेती ऊसर और बंजर भूमि पर भी की जा सकती है। इसकी खेती करने वाले किसान हर 3 महीने में 300 क्विंटल तक उत्पादन कर सकते है। चुकंदर हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। इसलिए मांग मार्केट में लगातार रहती है। तो आइये जानते है चुकंदर की खेती की अधिक जानकारी के बारे में.
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चुकंदर की खेती के लिए उन्नत किस्में
चुकंदर की फसल का अच्छा उत्पादन पाने के लिए कुछ किस्म की खेती करना होता है। जिसमे अर्ली वंडर, मिस्त्र की क्रॉस्बी, डेट्रॉइट डार्क रेड, क्रिमसन ग्लोब, रूबी रानी, रोमनस्काया और एमएसएच 102 चुकंदर की सबसे लोकप्रिय किस्में है. इन किस्मों की खेती करने पर बंपर पैदावार मिलेगी. चुकंदर की बुवाई करने से पहले खेत की कई बार जुताई की जाती है।
उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
चुकंदर की खेती के लिए समतल एवं उपजाऊ बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसके अलावा इसकी खेती दोमट मिट्टी में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। परन्तु मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 7 के बीच होना चाहिए। चुकंदर की खेती के लिए ठंडी जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है।
चुकंदर की बुवाई
इसकी खेती के लिए अक्टूबर-नवंबर का महीना अच्छा माना गया है. चुकंदर की फसल के लिए 20 डिग्री का तापमान इसकी फसल के लिए काफी होता है. खेती में एक हेक्टेयर में 14-15 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. फसल की बुआई के लिए एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी करीब 15-20 सेंटीमीटर की होनी चाहिए।
सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण
चुकंदर की फसल को सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती थी। आमतौर पर बुआई के 15 दिनों बाद पहली सिंचाई और बुआई के 20 दिनों बाद दूसरी सिंचाई की जाती है। इसके बाद 20 से 25 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए। किसान सिंचाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में जलजमाव न हो पाए।
चुकंदर की खेती के लिए ऐसे करें खेत की तैयारी
- चुकंदर की खेती के लिए सबसे पहले खेत की गहराई से जुताई करें।
- इसके बाद में उसमें खरपतवार नियंत्रण कर के खेत में गोबर की खाद डालकर खेत को तैयार कर लें।
- अब क्यारी बनाकर मेड़ पर चुकंदर की बुवाई करने से फसल काफी अच्छी होती है।
- इसके बाद चुकंदर के बीजों को 2 सेंटीमीटर की गहराई में बोया जाना चाहिए।
- इसके अलावालगभग 10 सेंटीमीटर की दूरी पर बोए गए बीज से चुकंदर का कंद काफी अच्छा और विकसित प्राप्त होता है।
चुकंदर की खेती से मुनाफा
चुकंदर की खेती करके किसानों को कम समय और कम लागत में ही अच्छा मुनाफा प्राप्त हो रहा है। इसकी खेती की फसल हर 3 महीने में पककर तैयार हो जाती है। यह सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी होता है। इसलिए इसकी डिमांड बारह महीने मार्केट में रहती है। बाजार में चुकुन्दर का भाव 60 रूपये प्रति किलो है। इसका सेवन लोग कई तरह से करते है। चुकंदर की फसल कर दो से तीन लाख की अच्छी कमाई कर सकते है।