देवरी (सागर)। जनपद पंचायत देवरी में अव्यवस्थाओं और अनियमितताओं की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि पंचायत के कई महत्वपूर्ण कार्य लंबे समय से व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं, जिससे प्रक्रियाओं में न पारदर्शिता रह गई है और न ही कार्य समय पर पूरे हो पा रहे हैं। विकास कार्यों की गति लगभग रुक गई है।
जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) पिछले करीब छह माह से अवकाश पर हैं। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थिति यह है कि कई महत्वपूर्ण फाइलें लंबित पड़ी हैं, स्वीकृतियाँ अटकी हुई हैं और समय-सीमा वाले निर्माण कार्य भी रुक चुके हैं। पंचायत सचिवों को बिना नेतृत्व के काम करना पड़ रहा है, जिसके कारण कार्य प्रणाली असंगठित होती जा रही है।
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अव्यवस्था के साथ-साथ भ्रष्टाचार भी तेजी से बढ़ा है। आरोप है कि फर्जी भुगतान, अपूर्ण कार्यों के बिल पास कराने और फाइलों को मनमाने तरीके से निपटाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा कुछ मामलों में जांच के आदेश भी जारी हुए थे, लेकिन अब तक कोई असरदार कार्रवाई नहीं दिखाई दी, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ गई है।
स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि देवरी जनपद पंचायत की तत्काल उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो जनपद का विकास पूरी तरह ठप हो जाएगा और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
ग्रामीणों ने साफ कहा कि सरकार को तत्काल हस्तक्षेप कर व्यवस्था सुधारनी चाहिए, ताकि रुके हुए विकास कार्य फिर से शुरू हो सकें और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित हो।
रिपोर्ट: सोनू प्रजापति, संवाददाता – (सागर)

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