फटी पुरानी जीन्स पर लगाई देशी जुगाड़ की तरकीब, खूब पैदावर निकल रही फल और फूल की, देखे कैसे लगाया जुगाड़
क्या आप अपने पसंदीदा, खराब हो चुके जींस को फेंकने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं? तो कक्षा आठ के छात्र अभिनव पीएस के नक्शेकदम पर चलिए, जिन्होंने अपने पुराने जींस को सब्जियां उगाने के लिए गमलों में बदल दिया। अपने प्रयोग के अच्छे नतीजों से केरल के अभिनव को हर तरफ से तारीफें मिल रही हैं। उत्तरी परावूर के करुमल्लूर गांव के मन्नक्कापडी में उनके घर आने वाले कई मेहमान उनके इस प्रयोग को देखकर काफी उत्साहित हैं। वे इस नई तकनीक को सीख और अनुभव कर रहे हैं।
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कोविड काल से शुरू हुआ प्रयोग
आपको जानकर हैरानी होगी कि कक्षा आठ के छात्र अभिनव का यह खेती में पहला कदम नहीं है। कोविड महामारी के दौरान अभिनव ने अपने घर पर केले और कसावा उगाया था। लेकिन एक महीने बाद जब उन्हें लगा कि पौधे लगाने के लिए मिट्टी के गमले खरीदने के लिए उनकी छोटी बचत काफी नहीं होगी, तो इस ‘युवा किसान’ ने एक नया आइडिया अपनाया। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभिनव की मां अंडे के लिए मुर्गियां पालती हैं। लेकिन वे अक्सर मेरे सब्जी के पौधों को नष्ट कर देते थे। अभिनव ने बताया कि उनके घर का कंपाउंड आसानी से पानी से भर जाता था। इसलिए, वह ऐसे समाधान की तलाश में थे जो दोनों उद्देश्यों के लिए प्रभावी हो सके।
कैसे आया यह अनोखा आइडिया
ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा, जिसके बाद उन्हें पुराने जींस का खेती के लिए इस्तेमाल करने का आइडिया आया। कक्षा 7 में पढ़ने वाले उनके दोस्त भिरी इस काम में उनका पूरा साथ देते हैं। दोनों करुमल्लूर एफएमसीटी एचएसएस में पढ़ते हैं। अभिनव ने बताया कि उन्होंने नौ जींस में टमाटर, बैंगन, भिंडी और हरी मिर्च के बीज बोए थे। उन सभी ने अंकुरण किया है। अब उनके भाई के जन्मदिन के लिए पांच और पौधे तैयार किए गए हैं। इन पांच पौधों को देखकर अभिनव बहुत खुश हैं।
जींस के साथ हुआ यह अनोखा प्रयोग
अब आप सोच रहे होंगे कि उन्होंने जींस को पॉट में कैसे बदला है? अभिनव और उनके दोस्तों ने प्लास्टिक शीट काटकर उसे अस्तर के रूप में जींस के अंदर स्टेपल किया। फिर, उन्होंने जींस को सहारा देने के लिए दो स्टिक का इस्तेमाल किया। फिर, दोनों भागों को मिट्टी और बजरी से भरकर एक मजबूत आधार बनाया। बीज बोने से पहले वे ऊपर तक मिट्टी डालते रहते हैं। अभिनव की इस अनूठी पहल ने जल्द ही उनके शिक्षकों का ध्यान खींचा। हाल ही में उनके शिक्षकों ने उन्हें एक मेमेंटो भेंट किया है।
अभिनव की मां ने व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं। इसमें उनकी कक्षा 10 के पूर्व छात्रों का ग्रुप भी शामिल था। अभिनव की कोशिशों से खुश होकर ग्रुपों ने उनसे संपर्क किया। इसके बाद पंचायत वार्ड के सदस्य भी आए। अब दूसरे जगहों से भी लोग खेती के तरीके देखने आते हैं। अभिनव के पिता सुनील बढ़ई हैं और मां रेणुका गृहणी हैं।