Drip Irrigation Scheme: भारत देश कृषि प्रधान देश है और देश में कई तरह की फैसले उगाई जाती है और उनकी सिचाई की जाती है इसी में से ड्रिप सिंचाई, जिसे सूक्ष्म सिंचाई भी कहा जाता है, पानी की बचत करने वाली एक सिंचाई तकनीक है जो फसलों की जड़ों में पानी की बूंदों को सीधे पहुंचाती है। यह पारंपरिक सिंचाई विधियों जैसे कि बाढ़ या छिड़काव की तुलना में कहीं अधिक कुशल है, जो पानी बर्बादी को कम करती है और फसल उत्पादकता में वृद्धि करती है। तो आइये जानते है इसके बारे में…
योजना में अनुदान
इस योजना के तहत, किसानों को ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित करने पर 40% से 90% तक अनुदान मिलता है। ड्रिप सिंचाई सिस्टम से किसान अपनी आय को दोगुना करने के साथ फसल की गुणवत्ता को भी अच्छा कर पाएंगे और उन्हें इस ड्रिप सिंचाई सिस्टम में 90% का अनुदान भी दिया जाएगा. 2 हेक्टेयर वाले किसान को 90% और दो हेक्टेयर से अधिक भूमि रखने वाले किसान को 80% तक अनुदान की योजना दी गई है. अनुदान की दर किसानों की श्रेणी और राज्य पर निर्भर करती है।
योजना से लाभ
- ड्रिप सिंचाई पारंपरिक सिंचाई विधियों की तुलना में 40% से 70% तक पानी बचा सकती है।
- ड्रिप सिंचाई से मिट्टी में नमी का स्तर बेहतर रहता है, जिससे फसलें बेहतर ढंग से बढ़ती हैं और उनकी पैदावार बढ़ती है।
- ड्रिप सिंचाई में, केवल पौधों के आसपास का क्षेत्र ही गीला होता है, जिससे खरपतवारों की वृद्धि कम होती है।
- ड्रिप सिंचाई में, पत्तियों पर पानी नहीं पड़ता है, जिससे फंगल रोगों और कीटों का प्रकोप कम होता है।
- ड्रिप सिंचाई मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करती है।
- ड्रिप सिंचाई में, पोषक तत्व और उर्वरक सीधे जड़ों तक पहुंचाए जाते हैं, जिससे उनकी बर्बादी कम होती है।
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लाभ कैसे उठाएं
इस योजना के बारे में जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विभाग से संपर्क करें। आवश्यक दस्तावेजों के साथ योजना के लिए आवेदन करें। योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि और पात्रता मानदंडों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। एक अनुभवी व्यक्ति से ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित करवाएं। ड्रिप सिंचाई एक जल-कुशल और टिकाऊ सिंचाई तकनीक है जो किसानों को अपनी फसलों की पैदावार बढ़ाने और अपनी आय में वृद्धि करने में मदद कर सकती है।