Earthquake in indore: इंदौर में आया भूकंप थर्राया मालवा, इंदौर में रिक्टर स्केल पर 3 तीव्रता, धार जिला रहा केंद्

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मौसम विज्ञान कार्यालय ने बताया कि आज दिनांक 19.02.2023 को दोपहर 12:54:32 बजे हल्का भूकंप आया। धार/ बड़वानी/ अलीराजपुर, मध्य प्रदेश में 3.0 तीव्रता का हल्का भूकंप दर्ज हुआ है, जिसका हाइपोसेंटर 10 किमी गहराई पर था। इससे प्रभावित जिले बड़वानी, अलीराजपुर, धार और समीपस्थ इंदौर, झाबुआ, खरगोन रहे। हालांकि इससे जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
नर्मदा-सोन घाटी को भूकंप के मान से फाल्ट जोन लिनामेंट माना जाता है। यह जोन भूरूच से जबलपुर तक है। इंदौर नर्मदा घाटी से 70 किलोमीटर दूर है, इसलिए इंदौर को जोन 3 में शामिल किया गया है।

विवार को भूकंप के झटके इंदौर में भी महसूस किए गए। इसके अलावा धार-आलीराजपुर में भी तेज झटके महसूस हुए। नेशनल सेंटर फॉर सीम्सोलॉजी के अनुसार रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.0 मापी गई। भूकंप की गहराई दस किलोमीटर थी। इंदौर से सटे इलाकों में भूकंप की हल्के झटके महसूस हुए, हालांकि इंदौर में झटकों से जानमाल की हानि नहीं हुई। नर्मदा-सोन घाटी को भूकंप के मान से फाल्ट जोन लिनामेंट माना जाता है। यह जोन भूरूच से जबलपुर तक है। इंदौर नर्मदा घाटी से 70 किलोमीटर दूर है, इसलिए इंदौर को जोन 3 में शामिल किया गया है। उज्जैन की तरफ का शहरी हिस्सा जोन दो में आता हैै।

नर्मदा घाटी पर बने बांध 6.8 तीव्रता का भूकंप झेल सकते हैं
भूकंप के लिए नर्मदा घाटी को फाल्ट जोन मेें शामिल किया गया है, क्योंकि इसके आसपास पहाड़ है और यह घाटी ढलान में है। इससे पहले भी जबलपुर में भूकंप आया था। वह भी इस जोन में शामिल है। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के पूर्व इंजीनियर मुकेश चौहान के अनुसार मध्यप्रदेश में कई बड़े बांध नर्मदा घाटी पर ही बने हैं, लेकिन उन्हें 6.8 तीव्रता का भूकंप झेलने के हिसाब से डिजाइन किया गया हैै। नर्मदा घाटी में बने स्टैचू ऑफ यूनिट को भी बड़ा भूकंप झेलने के हिसाब से डिजाइन किया गया हैै। जबलपुर में कुछ सालों पहले भूकंप आने के बाद नर्मदा नदी पर बने बांधों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। इंदौर को जोन तीन में रखा गया है, जबकि हिमालय के आसपास के इलाके जोन पांच में शामिल हैं।

2001 में महसूस हुए थे झटके
कच्छ में वर्ष 2001 में 26 जनवरी को भूकंप आया था। तब इंदौर में सुबह लोगों को झटके महसूस हुए थेे। सराफा क्षेत्र की दुकानों के कांटे भी तब हिलने लगे थे। उससे पहले लातूर में भूकंप आने पर भी इंदौर में झटके महसूस किए गए थे। उस रात इंदौर की सड़कों पर झांकियां निकली थीं और हजारों लोग सड़कों पर थे।

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