इस झाड़ी के फल से बनती है जेली और कैंडी, मेढ़ पर लगाने से खेत की भी होती है सुरक्षा, ये रही इसकी उन्नत किस्मे और लगाने की जानकारी

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हमारे आसपास ऐसे बहुत से पेड़पौधे मौजूद है जिससे की हमें सवादिस्ट फल मिलते है उसी में से एक करौंदा एक ऐसा फल है जो न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। इसकी खेती करना काफी लाभदायक हो सकता है। इसके फल खट्टे और स्वादिष्ट होते हैं जिससे जेली, मुरब्बा, चटनी और कैंडी बनाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. आइए जानते हैं करौंदे की खेती के बारे में…

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करौंदे का पौधा उगने के बारे में

करौंदे को आमतौर पर बीज से उगाया जाता है। बीजों को गीली रेत में मिलाकर कुछ दिनों के लिए रख दें। फिर उन्हें नर्सरी में बोएं। जब पौधे कुछ सेंटीमीटर के हो जाएं तो उन्हें मुख्य खेत में रोपें। रोपाई का सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम में होता है। पाई के समय खाद डालें और फिर साल में दो बार खाद डालते रहें। करौंदा एक कांटेदार झाड़ी जैसा पेड़ होने के कारण नीलगाय जैसे जंगली जानवरों को फसल नुकसान पहुंचाने से रोकता है. इसे अक्सर खेतों और मेड़ों के आसपास लगाया जाता है.

करौंदे का पौधा कैसे लगाए

इसे लगाने के लिए जुलाई-अगस्त और फरवरी-मार्च सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। इन महीनों में बारिश होती है और तापमान भी अनुकूल होता है। इसके लिए 60x60x60 सेमी के गड्ढे खोदें। पौधों को 4×4 मीटर की दूरी पर रोपें। क एकड़ में लगभग 225 पौधे लगाए जा सकते हैं। करौंदा में बीज से तैयार पौधे आमतौर पर बुआई के 4-5 साल बाद फल देने लगते हैं. फल लगने के लगभग 2-3 महीने बाद जुलाई-सितंबर में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं. आम तौर पर करौंदा की एक पूर्ण विकसित झाड़ी लगभग 15-25 किलोग्राम फल देती है.

करौंदे की उत्तम किस्में

पंत मनोहर किस्म : इसका फल का गहरा गुलाबी रंग इसे बाकी किस्मों से अलग बनाता है। इस किस्म का स्वाद थोड़ा खट्टा होता है, जो अचार बनाने के लिए बेहद उपयुक्त होता है। फल का आकार मध्यम होता है और इसका वजन लगभग 3.49 ग्राम होता है। प्रति पौधा लगभग 27 किलोग्राम फल प्राप्त होते हैं, जो इसे एक उच्च उपज देने वाली किस्म बनाता है।

पंत सुदर्शन: यह किस्म मध्यम आकार की घनी झाड़ियों वाली होती है। फल सफेद पृष्ठभूमि पर गुलाबी लाल रंग के होते हैं और पकने पर गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं। फल का औसत वजन 3.46 ग्राम होता है, जो पंत मनोहर के लगभग बराबर है। एक पौधे से साल भर में लगभग 29 किलो उपज मिलती है, जो इसे एक उच्च उपज देने वाली किस्म बनाती है।

पंत सुवर्ण: इस किस्म के फलों का रंग हरा और गहरा भूरा लाल होता है। पकने पर फल गहरा भूरा हो जाते हैं। फल का औसत वजन 3.62 ग्राम होता है। एक पौधे से साल भर में लगभग 22 किलो उपज मिलती है।

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सीएचईएस- के-II-7 किस्म: इसके पौधे मध्यम आकार के होते हैं। फरवरी-मार्च में फूल आते हैं और मई-जून में फल लगते हैं। फल का औसत वजन 12-13 ग्राम होता है। फलों का रंग गहरा काला-बैंगनी होता है और छिलके पतले होते हैं। एक साल पुराना पौधा हर साल लगभग 1800-2100 फल देता है।

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