उमरिया: इसीलिए कहते हैं कि एमपी अजब से गजब है उमरिया जिला आदिवासी होने के साथ पाली, आदिवासी ब्लॉक कहलाता है और यहां की विधायक मध्यप्रदेश शासन की कैबिनेट मंत्री हैं तो लाजमी है कि विकास के लिए अंतिम छोर के गांव को पहले चुना जाएगा। गांव के विकास के लिए सड़क पानी बिजली प्रमुख होता है। लेकिन इन मूलभूत चीजों के कार्यो में ही भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है।
मामला उमरिया जिले के पाली ब्लॉक के अंतिम छोर में बसा गांव हंथपुरा का है जहां पर ग्राम के निवासियों का कहना है, 14 लाख रुपए में सड़क एवं पुल निर्माण के लिए पैसा आया था तो निर्माण एजेंसी के द्वारा पुल तो बना दिया गया मगर सड़क अभी तक नहीं बनी और पैसा निकल गया
इस ग्राम के सरपंच कैलाश सिंह के दबंगई का सच, सरपंच साहब गाव के विकास कार्यों पर ध्यान ना दे कर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने में व्यस्त हैं जब उनसे पूछा गया तो उनका कहना है कि यह भवन मेरी स्वेच्छा से बनवाया जा रहा है
इसी गांव के निवासी कमलेश सिंह का कहना है कि इनके परिवार के लोगों ने स्कूल भवन के लिए इस जमीन को सरकार को सौंप दिया था और स्कूल के साथ इसी जमीन पर अगर समुदायिक भवन बन जाता तो गांव के निवासियों के काम आता लेकिन यहां पर सरकारी जमीन को सरपंच ने हथिया लिया
विजुअल अब जब यह शिकायत जिले के जिला पंचायत सीईओ इला तिवारी के पास पहुंची तो शिकायतों पर जांच कराने का आश्वासन दिया है
सरपंच की दबंगई को देख कर ऐसा लगता है कि सरपंच को कानून नाम का कोई खौफ नहीं है अब देखना यह होगा कि इस भवन को गिराने वा सड़क निर्माण कराने के लिए जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है और कब तक करेगा यह तो आने वाला समय ही तय करेगा
– फैज मोहम्मद उमरिया रिपोर्टर, 7566569797





