आजकल तेजी से बढ़ती आबादी और घटते रोजगार के चलते बेरोजगार युवा कृषि और पशुपालन को बतौर बिजनेस अपना रहे हैं. मुर्गी पालन भी कम लागत में ज्यादा कमाई का एक बेहतर जरिया बन रहा है. अंडे और मांस की मांग लगातार बढ़ रही है, ऐसे में मुर्गी पालन से अच्छी कमाई हो सकती है. लेकिन मुर्गियों की कई नस्लें हैं, जिनमें से कुछ अंडे देने के लिए तो कुछ मांस के लिए जानी जाती हैं. इनमें से एक खास नस्ल है कैरी निर्भीक. आइए जानते हैं कैसे ये नस्ल मुर्गी पालकों को द दिला सकती है.
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कम समय में ज्यादा अंडे और मांस
कैरी निर्भीक मुर्गी की खासियत है कि ये 5-6 महीने में ही अंडे देना शुरू कर देती है. एक साल में ये 190 से 200 अंडे देती है. इतना ही नहीं, इसका वजन भी बहुत कम समय में बढ़ जाता है. मात्र 20 हफ्तों में इनके चूजों का वजन 1847 ग्राम तक पहुंच जाता है. साथ ही इनका मांस प्रोटीन से भरपूर होता है.
कम खर्च, ज्यादा मुनाफा
रेहबरली के सरकारी पशु अस्पताल शिवगढ़ के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी पशु चिकित्सा) बताते हैं कि कैरी निर्भीक मुर्गी एक देसी नस्ल है. ये बहुत ही तेज-तर्रार, चुस्त और लड़ाकू होती है. इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी मजबूत होती है. इसे पालने में ज्यादा खर्च नहीं आता और मुनाफा अच्छा होता है.
देश के इन राज्यों में मिलती है कैरी निर्भीक
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि कैरी निर्भीक मुर्गी उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में भी पाई जाती है.
शारीरिक बनावट और रंग
इस नस्ल के नर मुर्गों का रंग पीला और पंखों का रंग सुनहरा-लाल होता है. वहीं, मादा मुर्गी का रंग सुनहरा-लाल से पीला होता है, इसकी चोंच और टांगों का रंग पीला होता है.
थोड़ी ज्यादा कीमत, लेकिन ज्यादा मुनाफा
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि कैरी निर्भीक मुर्गी का मांस बहुत स्वादिष्ट और गुणकारी होता है, इसलिए इसकी बाजार में मांग ज्यादा रहती है. यही वजह है कि यह दूसरी नस्लों की तुलना में थोड़ी महंगी बिकती है. एक चूजे की कीमत 200 रुपये तो वहीं बड़े मुर्गे की कीमत 1000 से 1200 रुपये तक होती है. हालांकि, इसकी ज्यादा अंडे देने की क्षमता और बढ़िया मांस की गुणवत्ता को देखते हुए मुर्गी पालकों को अच्छा मुनाफा हो सकता है.