शिवराज की लाडली बहना को नही मिल पाई सरकारी मदद लाचार पिता ने की आत्महत्या
मध्य प्रदेश में एक तरफ ‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओं’ का नारा बुलंद किया जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ सतना में आर्थिक तंगी और बेटी के इलाज से परेशान पिता ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है।
सतना (जनक्रांति न्यूज) बेटू तिवारी: सतना अपनी मेधावी बीमार बेटी के ईलाज और घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए लाचार पिता ने घर दुकान यहाँ तक अपना खून भी बेचा पर बेरहम प्रशासन का दिल नही पसीजा, लाचार पिता सुबह से शाम तक सालों अधिकारियों के एसी दफ्तरों के मदत के लिए चक्कर काटते काटते थक गया, दरवाजे दरवाजे धक्के खाते खाते सालो बीत गया पर कोरे आश्वाशन के अलावा सरकारी मदत नही मिल सकी, सरकारी सिस्टम से हार चुके बीमार बच्ची के पिता के शरीर में जब बेचने लायक खून भी नही बचा तब लाचार और दुःखी पिता ने ट्रैन से कटकर आत्महत्या कर ली।
सतना जिला प्रशासन ने अनुष्का और उसके परिवार का हौसला अफजाई किया। अनुष्का का सम्मान किया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। लेकिन फिर किसी ने सुध नहीं ली। पीड़ित परिवार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटता रहा। भुखमरी की कगार पर पहुंच गया। आखिरकार जब घर के गैस सिलेंडर भरवाने तक के पैसे नहीं बचे और स्कूल से बच्चों की फीस न जमा होने पर नोटिस आने लगी तो ये पिता टूट गया और आज आत्महत्या कर ली।
अब पूरा परिवार सदमे में है और अनुष्का का रो-रो कर बुरा हाल है। अनुष्का पिता की मौत के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को जिम्मेदार मान रही है। अनुष्का की माने तो सम्मान के दिन बड़े-बड़े वायदे किए गए। गरीबी रेखा का कार्ड, स्मार्ट फोन तक देने और इलाज का खर्च तक देने की बात की, मगर इसके बाद कोई पूछने तक नहीं आया। बल्कि कार्यालय जाने पर गुमराह करते रहे, मजबूरी में पिता दुनिया से रुक्सत हो गए।
बताते चलें, पिता की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। घर में चीख पुकार मची हुई है। घटना की सूचना पर पुलिस मर्ग कायम कर जांच पड़ताल कर रही है। डीएसपी ख्याति मिश्रा ने कहा, बेटी ने हौसला दिखाया और कठिन परिस्थितियों में बेड पर लेटे हुए हाईस्कूल का पेपर देकर मेरिट लिस्ट में जगह बनाई थी। जिला प्रशासन ने उसका हौसला अफजाई किया, लेकिन वायदे पूरे नहीं किए। नतीजतन परिवार आर्थिक तंगी में टूट गया और घर के मुखिया ने आत्महत्या कर ली।