Soyabin Varayti: देश में कई तरह की फसलों की खेती की जाती है उसमे से एक सोयाबीन भी है, बता दे की सोयाबीन की खेती देश में बड़े पैमाने पर की जाती है इसका मुख्य उपयोग खाद्य तेल आदि बनाने में किया जाता है. आपको बता दे की सोयाबीन की तीन वैरायटी भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर में कृषि वैज्ञानिकों ने कड़ी महेनत के बाद तैयार जो की रोग रहित होने के साथ में उत्पादन भी अच्छा देंगी, आइये जानते है…
NRC 188 सोयाबीन वैरायटी
सोयाबीन NRC 188 किस्म के बारे में बता दे कि यह सोयाबीन की नई उन्नत वैरायटी है, इस की फलिया थोड़ी चिकनी होती है. इसके दाने मटर के समान मोटे होते है और इन्हे खाया जा सकता है, वही इसके फूल बैगनी रंग के होते है, यह वैरायटी से सोयाबीन की एक हेक्टर के हिसाब से 46 क्विंटल तक हरी फलियों का उत्पादन प्राप्त होता है। वही इसकी फसल 77 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है
NRC 181 सोयाबीन वैरायटी
सोयाबीन NRC 181 वैरायटी के बारे में बता दे की यह वैरायटी पीला मोजेक, टारगेट लीफ ऑफ स्पॉट आदि रोगो के प्रति रोग प्रतिरोधक होती है. वही यह वैरायटी सड़न गलन से भी प्रभावित नहीं होती है. वही बात करे इसे फूल की तो इसका रंग सफ़ेद रंग का होता है. वही इसमें भूरे रोयें होते है। बता दे की यह वैरायटी एक हेक्टेयर में 17 क्विंटल तक का उत्पादन दे सकती है. और यह 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है.
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NRC 165 सोयाबीन वैरायटी
सोयाबीन की यह वैरायटी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रति काफी सवेदनशील होती है, बता दे की यह वैरायटी उत्पादन के हिसाब से काफी शानदार होती है, वही यह वैरायटी 20 क्विंटल तक उत्पादन एक हेक्टर में देती है। वही यह बुवाई के 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है.