ट्रैक्टर कृषि कार्य में एक अहम भूमिका निभाता है। ट्रैक्टर से कई प्रकार के यंत्रो को जोड़कर कई काम खेत आदि के काम किए जाते है. फसल उगाने से लेकर फसल कटाई कर बेचने तक ट्रेक्टर से काम लिया जाता है. कई किसान अपने ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरते हैं, जो कई लोगों के लिए एक अनोखा व्यवहार लग सकता है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे का विज्ञान क्या है।
Table of Contents
ट्रैक्टर के टायर में पानी भरने के कई फायदे होते हैं, मुख्यत
- कर्षण शक्ति बढ़ाना: पानी भरने से टायर का भार बढ़ जाता है जिससे ट्रैक्टर की जमीन पर पकड़ मजबूत होती है। खासकर कीचड़ या नरम जमीन पर यह बहुत उपयोगी होता है।
- स्थिरता बढ़ाना: अधिक भार होने से ट्रैक्टर अधिक स्थिर हो जाता है और खेतों में काम करते समय आसानी से पलटता नहीं है।
- गुरुत्व केंद्र को नीचे लाना: पानी भरने से ट्रैक्टर का गुरुत्व केंद्र जमीन के और करीब आ जाता है जिससे वह अधिक स्थिर होता है और पलटने का खतरा कम होता है।
- कंपन कम करना: पानी का भार ट्रैक्टर के कंपन को कम करने में मदद करता है जिससे चालक को अधिक आराम मिलता है।
- टायर को नुकसान से बचाना: पानी भरने से टायर के अंदर का दबाव कम रहता है जिससे टायर को नुकसान होने का खतरा कम होता है।
कौन से टायर में पानी भरा जाता है
आमतौर पर ट्रैक्टर के पीछे के टायरों में पानी भरा जाता है क्योंकि ये टायर ट्रैक्टर का अधिकांश भार सहन करते हैं। टायरों में 60 से 80 प्रतिशत तक पानी भरा जाता है. हलाकि यह बात की हम पुस्टि नहीं करते है की इससे भारी भरकम काम किया जा सकता ही है. क्योकि यह आपके ट्रैक्टर की शक्ति पर निर्भर होता है.
कितना पानी भरना चाहिए
टायर में कितना पानी भरना चाहिए यह ट्रैक्टर के मॉडल, टायर के आकार और उपयोग के आधार पर निर्धारित होता है। अधिक जानकारी के लिए ट्रैक्टर के मैनुअल को देखें या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
पानी भरने के फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं
- टायर का वजन बढ़ना: पानी भरने से टायर का वजन बढ़ जाता है जिससे ईंधन की खपत बढ़ सकती है।
- टायर को नुकसान होने का खतरा: अगर पानी बहुत अधिक भर दिया जाए तो टायर फट सकता है।
- ठंड के मौसम में समस्या: ठंड के मौसम में पानी जम सकता है जिससे टायर को नुकसान हो सकता है।