डिब्रूगढ़ (जनक्रांति न्यूज) अर्नब शर्मा : गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम या यूएपीए के तहत पिछले साल जेल में बंद असम की स्नातक छात्रा बरशश्री बुरागोहेन मंगलवार को गोलाघाट जिला एवं सत्र न्यायालय के समक्ष पेश हुई।
अदालत ने बुरागोहेन को आज पेश होने को कहा था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि 16 मार्च निर्धारित की है।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि बरशश्री बुरागोहेन, एक स्नातक छात्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (ULFA-I) का समर्थन करने वाली एक कविता लिखने के लिए जेल भेजा गया था।
बरशश्री बुरागोहेन को पिछले साल 18 मई को गोलाघाट जिले के उरियामघाट में उनके पोस्ट ‘अकौ कोरीम राष्ट्र द्रोह’ (देश के खिलाफ फिर से विद्रोह करेगी) के लिए यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने गोलाघाट जेल में 65 दिनों की जेल की सजा काट ली।
गौहाटी हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को बरशश्री बुरागोहेन को जमानत देते हुए इसके लिए कुछ शर्तें रखीं। बुरागोहेन का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अतुल दिहिंगिया ने कहा कि उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देते समय तीन शर्तें लगाईं।
उनके अनुसार, जांच अधिकारी द्वारा अनुरोध किए जाने पर बुरागोहेन को उपस्थित होना होगा और जांच में सहयोग करना होगा। दूसरी बात, उसे मामले से संबंधित तथ्यों को किसी को भी प्रकट करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है और अंत में, वह फिर से वही कार्य नहीं दोहरा सकती है, दिहिंगिया ने सूचित किया।
एक अदालत ने बुरागोहेन को 16 जुलाई को हुई उसकी डिग्री परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। वह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परीक्षा में शामिल हुई थी।
डिब्रूगढ़, असम से अर्नब शर्मा की रिपोर्ट।