योग व योग गुरु को महत्व देने से होते नहीं है रोग
पानसेमल एक सुख के पीछे सौ सुख नहीं मिलते हैं ।लेकिन एक दुख के पीछे सौ दुख अवश्य आते हैं। उक्त विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने बाल हनुमान मंदिर बड़गांव तहसील शहादा जिला नंदुरबार के हनुमान भक्तों को योग सिखाते हुए कहे । योग गुरु ने आगे बताया कि लोग सुखी व संपन्न बनते जा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य के विषय में अपने आप को ठगा महसूस करने लगे हैं। समाज के जिम्मेदार लोग स्वयं की रक्षा नहीं कर सकते हैं ।तो दूसरों की रक्षा कैसे कर पाएंगे ।वे भी किसी न किसी रोग से अपने आप को असुरक्षित मानने लगे हैं ।पता नहीं कौन सा रोग उनकी जीवन लीला समाप्त कर देगा। रोग एवं असुरक्षा कारण है, योग क्रियाओं व योग गुरु का महत्व नहीं देना । निशुल्क योग शिक्षा देने वाले से भी जिम्मेदार लोग शुल्क लेने लगे हैं ,ऐसी सोच ही लोगों को रोगी बना देती है ।जिम्मेदार लोगों को यह समझना होगा ऑपरेशन से चुस्ती फुर्ती गायब हो जाती है ।लेकिन योग व प्राणायाम के अभ्यास से ऑपरेशन नहीं करना होता है ।और चुस्ती फुर्ती बनी रहती है ।निशुल्क योग शिविर में आसनों का प्रशिक्षण दिया गया ।इस अवसर पर रेवसिग महाराज, चेतन बापू ,सुखदेव महाराज ,आदि संतों के साथ भक्तजन उपस्थित थे।