रूस चीन ना जो कर पाए, वह भारत ने कर दिखाया 41 दिन में चंद्र क्रांति कर, चांद पर तिरंगा फहराया

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मनावर (जनक्रांति न्यूज़) फिरोज खान आरके सिंघाना: मनावर / भारतीय साहित्य परिषद के बैनर तले दीपेंद्र (राजा) पाठक व शालिनी पाठक  द्वारा साहित्यकार स्वर्गीय श्रीमती दुर्गा पाठक की स्मृति और संत कवि तुलसीदास जयंती के अवसर पर पावस काव्य निशा का आयोजन पंचवटी कॉलोनी में रखा गया। कार्यक्रम में रचनाकारों ने कविता के माध्यम से चंद्रयान की चांद पर सफल लैंडिंग के लिए इसरो के वैज्ञानिको और भारत वासियों को बधाई प्रेषित की।
  कार्यक्रम का प्रारंभ खाटू श्याम बैकुंठ धाम मंदिर के पंडित श्री कपिल शास्त्री, साहित्यकार विश्वदीप मिश्रा ,स्वप्निल शर्मा ,संजय वर्मा दृष्टि ने मां सरस्वती और स्वर्गीय श्रीमती दुर्गा पाठक के चित्र पर माल्यार्पण कर किया । कवियों का स्वागत मुकेश मेहता, शिवलाल मालवीय, कन्हैया राठौर आदि ने किया
  कवियत्री दीपिका व्यास ने सरस्वती वंदना के साथ  अब मैं लल्ला से मुस्कुरा के कहूंगी ,चंदा मामा के घर अबकी जाना है से कार्यक्रम की शुरुआत की। विश्वदीप मिश्रा ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि रूस चीन ने जो कर पाए, वह भारत ने कर दिखाया ,41 दिन में चंद्र क्रांति कर, चांद पर तिरंगा फहराया। ओज  के कवि कुलदीप पंड्या ने कहा कि परिश्रम की प्रतिबद्धता से पूरा किया अरमान को ।तीन रंगों की डोर से बांध लिया चांद को ।
काव्य निशा में कवि श्रीराम शर्मा परिंदा, सतीश सोलंकी ,पंकज प्रखर, हितेंद्र चौहान बंटी बम, , बसंत जख्मी, , स्वप्निल शर्मा, संजय वर्मा दृष्टि, सहदेव शर्मा आदि ने अपना रचना पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में पाठक परिवार द्वारा साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन दीपक पटवा दिव्य और आभार सुखदेव राठौर ने माना।
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