क्या Adani के चक्कर में डूब जाएंगे सरकारी बैंक और LIC?

By
On:
Follow Us

Adani के शेयरों में लगातार भारी गिरावट, दो दिन में 2.37 लाख करोड़ वैल्यू घटी, इस झटके के पीछे है हिंडनबर्ग रिपोर्ट

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन हैरी मार्कपोलोस को अपना रोल मॉडल मानते हैं, जो एक एनालिस्ट हैं और बर्नी मेडॉफ की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश करने के लिए जाने जाते हैं।हिंडनबर्ग कॉरपोरेट वर्ल्ड में सभी गलत कामों का ट्रैक रिकॉर्ड रखती है और फिर इन कंपनियों को शॉर्ट करती है।

Adani shares continue to fall heavily : एशिया और भारत के सबसे रईस एवं दुनिया के चौथे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी (Gautam Adani) को एक विदेशी नेगेटिव रिपोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है, रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के लिस्टेड शेयरों ने करोड़ों रुपये गंवा दिए, पिछले दो दिनों की केवल बात की जाये तो अडानी ग्रुप के शेयरों की वैल्यू 2.37 लाख करोड़ रुपये कम हो चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी कंपनी की रिपोर्ट सामने आने के बाद 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप ने एक ही झटके में 6 अरब डॉलर रुपये का तगड़ा झटका खाया, हालाँकि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट जारी करने वाली विदेशी कंपनी के खिलाफ आरपार की क़ानूनी लड़ाई का एलान किया है।
अडानी ग्रुप के शेयरों में जारी है गिरावट
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई, बुधवार को कंपनी ने करीब 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेला, इसके बाद से कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है, आज कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को भी अडानी ग्रुप के शेयरों में बिकवाली जारी है, पिछले दो दिनों की बात की जाये तो अब तक अडानी ग्रुप के लिस्टेड शेयरों की मार्केट वैल्यू 2.37 लाख करोड़ रुपये कम हो चुकी है यानी कंपनी को इतना घाटा हो चुका है।

अडानी ग्रुप के ये शेयरों को हुआ है भारी नुकसान
रिपोर्ट का इतना असर हुआ है कि जिनके पास अडानी ग्रुप के शेयर हैं वे उन्हें जल्दी से जल्दी बेचना चाहते हैं, कंपनी के 10 शेयर रेड जोन में दिखाई दे रहे हैं। मार्केट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज जो अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी है उसका शेयर आज 27 जनवरी 2023 शुक्रवार को एनएसई (NSE) पर 8.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3105.95 के स्तर पर आ गया है। अडानी की गैस का शेयर प्राइस NSE पर लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,928 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। अडानी पावर के शेयर में 5 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है और यह शेयर 247.95 के स्तर पर है। अडानी ट्रांसमिशन के शेयर आज 27 जनवरी 2023 शुक्रवार को एनएसई पर 19.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2022.10 के स्तर पर ट्रेड कर रहे है। अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर 19.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14.92 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। अडानी विल्मर का शेयर में भी 5 प्रतिशत की गिरावट है और यह शेयर 516.85 के स्तर पर है और एनडीटीवी का शेयर 256.35 रुपये के स्तर पर है।

अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने दिया अडानी को झटका
अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने पिछले दिनों अडानी ग्रुप के खिलाफ एक नेगेटिव रिपोर्ट जारी की जिसने अडानी ग्रुप में उथल पुथल मचा दी और अडानी ग्रुप के शेयरों में सुनामी ला दी है। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग एक फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स का विश्लेषण करती है, हिंडनबर्ग, किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाकर उस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करती है और फिर उसे पब्लिश करती है, इनमें अकाउंटिंग में गड़बड़ी, मैनेजमेंट के स्तर पर खामियां और अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस जैसे विषयों पर विशेष तौर पर गौर किया जाता है।

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में उठाये ये सवाल
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी के प्रमुख नाथन एंडरसन हैं, नाथन एंडरसन की कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के बारे में जारी की अपनी रिसर्च रिपोर्ट में जो दावा किया है उसमें अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के लोन (Adani Group Debt) पर सवाल खड़े किए गए हैं. हिंडनबर्ग का दावा है कि ग्रुप की 7 प्रमुख कंपनियां जो शेयर मार्केट में लिस्टेड हैं, उनमें 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं, हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए हैं।
अडानी ग्रुप की नेटवर्थ पर हो रहा असर
हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तूफ़ान आ गया, शेयर होल्डर घबरा गए है उनका विश्वास हिल रहा है, कंपनी के शेयरों में गिरावट का असर अडानी ग्रुप की नेटवर्थ पर भी पड़ा है , मार्केट रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप में 10 शेयरों का मार्केट कैप (MCap) 24 जनवरी को 19.20 लाख करोड़ रुपये था उसमें वो करीब 12 प्रतिशत गिरावट के साथ 16.83 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

भारतीय बैंकों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है। दूसरी ओर एलआईसी (LIC) का अडानी ग्रुप की कंपनियों में 70,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश है। इस कर्ज और निवेश के डूबने की आशंका से बैंकों और एलआईसी के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के शेयरों में सात फीसदी से अधिक गिरावट आई जबकि एसबीआई (SBI) का शेयर 4.69 फीसदी गिर गया। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी का शेयर एक समय 4.3 फीसदी तक गिर गया था लेकिन बाद में यह 3.25 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।

WealthMills Securities Pvt. के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट क्रांति बाथिनी ने कहा कि मार्केट में निगेटिव सेंटिमेंट हावी है जिसका असर बैंक स्टॉक्स में दिख रहा है। इसकी एक वजह अडानी ग्रुप के बारे में आई रिपोर्ट है। अडानी ग्रुप की टॉप पांच कंपनियों पर पिछले चार साल में कर्ज दोगुना हो गया है। ब्रोकरेज फर्म CLSA की एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप के कुल कर्ज में भारतीय बैंकों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से भी कम है। इसके मुताबिक अडानी ग्रुप के कुल कर्ज में बैंकों का 38 फीसदी, बॉन्ड्स और कमर्शियल पेपर्स का 37 फीसदी और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का 11 परसेंट है। वित्त वर्ष 2022 में अडानी ग्रुप पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जिसमें करीब 80,000 करोड़ रुपये बैंकों का था।

एसबीआई का कितना कर्ज
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि सरकारी बैंकों ने अडानी ग्रुप के निजी बैंकों की तुलना में दोगुना कर्ज दिया है। इसमें से 40 फीसदी कर्ज एसबीआई ने दिया है। इससे उन लोगों का पैसा डूबने के कगार पर पहुंच गया है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई एलआईसी और एसबीआई में निवेश की है। रमेश ने कहा कि अगर अडानी ग्रुप पर लगे आरोप सही हैं तो एसबीआई जैसे सरकारी बैंकों को भारी नुकसान हो सकता है। आदर्श पारसरामपुरिया की अगुवाई में एनालिस्ट्स में हाल में एक नोट में कहा कि अडानी ग्रुप में प्राइवेट बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंकों का ज्यादा कर्ज है। एसबीआई का कहना है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में उसका कर्ज लिमिट से कम है। हालांकि बैंक ने इस राशि का खुलासा नहीं किया है।

एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश बढ़ाया है। 30 सितंबर, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी का कुल इक्विटी पोर्टफोलियो 10.27 लाख करोड़ रुपये का था। इसमें से अडानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी का निवेश करीब सात फीसदी है। हाल के महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश कम किया है। पिछले साल सरकार एलआईसी का आईपीओ लाई थी। लेकिन इसका शेयर कभी भी अपने इश्यू प्राइस तक नहीं पहुंच पाया है।

एलआईसी का निवेश
एलआईसी ने हाल में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी टोटल गैस और अडानी ट्रांसमिशन में अपना निवेश बढ़ाया है। अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी का निवेश 30 सितंबर, 2022 को 4.02 फीसदी था जिसका मूल्य 17,966 करोड़ रुपये था। इसी तरह अडानी टोटल गैस में एलआईसी की 5.77 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.46 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.15 फीसदी हिस्सेदारी है। इसी तरह अडानी पोर्ट्स में एलआईसी की हिस्सेदारी 11.9 फीसदी है। आज इसमें से कई कंपनियों के शेयरों में 20 फीसदी तक गिरावट आई। इससे एलआईसी को 16,300 करोड़ का नुकसान हुआ है। अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में एलआईसी का निवेश है।

इस बीच मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) भी इस मामले में सतर्क हो गया है। रॉयटर्स की एक खबर के मुताबिक सेबी पिछले साल अडानी ग्रुप द्वारा किए गए हरेक सौदे की बारीकी से जांच करेगा। अडानी ग्रुप ने हाल में कई बड़े सौदे किए हैं। इनमें अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिटेड का अधिग्रहण शामिल है। साथ ही अमेरिका की शॉर्ट सेलर कपनी Hindenburg Research की रिपोर्ट की भी स्टडी की जाएगी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस आरोपों का खंडन करते हुए अमेरिका कंपनी के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है।

For Feedback - newsmpjankranti@gmail.com

Leave a Comment