खंडवा (जनक्रांति न्यूज़) शाहिद शाह: खंडवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने एक रैली निकालकर अपनी 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय में अपर कलेक्टर को सौंपा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के इस आयोजन में बड़ी संख्या में जिलेभर की सहायिकाएं और कार्यकर्ता एकत्रित हुईं थी।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं।
द्वारा खंडवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के तालाबंद हड़ताल का आज अंतिम दिन है।
शनिवार को अंतिम दिन भी आंगनवाड़ी की कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने वादे याद दिलाने के लिए थाली चम्मच बजाकर गाना गाया। उन्होंने कहा कि अगर सीएम ने वादे पूरे नहीं किए तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस बार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मामा तुम तो धोखेबाज हो गीत गाकर अल्टीमेटम देती नजर आईं।
कार्यकर्ताओं ने कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वादा तो करते हैं पर वादा पूरा नहीं करते। अपने वादे से मुकर जाते हैं। इसलिए उन्हें इस तरह से गीत गाकर उनके वादे याद दिला रहे हैं।
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अमरोहा की हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में एक कार्यक्रम के दौरान डीजे पर एक पचास वर्षीय महिला डांस कर रही थी।
‘मामा तुम तो धोखेबाज हो वादा करके भूल जाते हो’।
खंडवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने एक रैली निकालकर अपनी 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय में अपर कलेक्टर को सौंपा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के इस आयोजन में बड़ी संख्या में जिलेभर की सहायिकाएं और कार्यकर्ता एकत्रित हुईं थी।
इस दौरान महिलाओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपनी मांगे मनवाने के लिए थाली और चम्मच भी बजाए।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने किए गए वादे याद दिलाने के लिए उन्होंने गाना भी गाया। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए धोखेबाज जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। महिलाओं ने गाना गाते हुए कहा कि मामा तुम तो धोखेबाज हो वादा करके भूल जाते हो।
पिछले छह दिनों से पूरे प्रदेश भर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं ताला बंद हड़ताल पर हैं। इस दौरान आंगनवाड़ी के कार्य प्रभावित हुए हैं। खासकर की पोषण आहार का वितरण नहीं हो पाया है। साथ ही कई योजनाओं के काम भी ठप हो गए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की 13 सूत्रीय मांगे हैं। इनमें उनके नियमितीकरण, वेतन वृद्धि और राज्य कर्मचारी का दर्जा दे दिए जाने जैसी मांगें शामिल हैं।