उत्तराखंड के जोशीमठ में दिन-ब-दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार को 45 और मकानों में दरारें आ गईं। साइंटिफिक स्टडी पूरी हो गई है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और खतरे के निशान वाले मकानों को गिराने के अलावा फिलहाल दूसरा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।
स्थानीय लोगों के विरोध के चलते बिल्डिंग्स के गिराने की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है। लोगों का गुस्सा इस बात पर है कि NTPC प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए जेसीबी से पहाड़ तोड़ना अंधाधुंध जारी रहा, इसे समय पर रोका ही नहीं गया। आज हालात ऐसे हो गए हैं कि बेघर होना पड़ रहा है।