बिना डॉक्टर के कैसे बचे लोगो की जिंदगी प्रशासन को सोचना होगा जो स्टॉप है वो अपने प्राइवेट क्लीनिक में करते है कमाई*
जल्द ध्यान दे चिकत्सा विभाग लोगो की माग
रीवा(जनक्रांति न्यूज)बेटू तिवारी:–मऊगंज- सिविल अस्पताल मऊगंज से डॉक्टर एस डी कोल के हटने के दस दिन बाद ही यहां पर पदस्थ चिकित्सकों ने सिविल अस्पताल को पूरी तरह से बना दिया कुश्ती का अखाड़ा।बीएमओ विहीन सिविल अस्पताल की व्यवस्था यहाँ पर मलैंगवा से अटैच डॉक्टर हरीश सोनी को दी गई है। लेकिन यहां पर पदस्थ डॉक्टरों प्रायवेट प्रैक्टिस की मची होड़ में एक दूसरे पर सेवा में लापरवाही बरतने का दोषारोपण थोपने का कार्य शुरू कर दिया है जिसका शिकार मरीज हो रहे हैं। डॉक्टर श्री कोल के हटते ही मौजूदा समय मे सिविल अस्पताल के सबसे गैर जिम्मेदार डॉक्टर ही पढ़ा रहे अनुशासन और कर्तव्य निर्वहन का पाठ,जिनके द्वारा सीएमएचओ रीवा को गुमराह करने का किया जा रहा काम।
इन डॉक्टर का अक्सर विवादों से है गहरा नाता। अस्पताल में मची इस तरह से खींचतान से डॉक्टरों में ही जूतम पैजार के हालात बनते जा रहे हैं। जहां पर कई गुटों में तब्दील दिख रहे चिकित्सक, जिनकी आपसी खींचतान में उलझकर पिस रहे अस्पताल में पदस्थ स्टॉप नर्स और कर्मचारी, अस्पताल की बेपटरी हुई स्वास्थ्य सेवाएं जिला स्वास्थ्य प्रशासन की अनदेखी का है नतीजा, जहां पर अस्पताल की आपातकालीन सेवा तो भगवान भरोसे है।ऐसे में चिकित्सको की कमी से जूझ रहे सिविल अस्पताल में निर्मित की जा रही बदहाल व्यवस्था की ओर मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल को जनहित में ध्यान देना चाहिये।