रीवा (जनक्रांति न्यूज ) रजनीश तिवारी: इस हड़ताल में स्टेट बार एसोसिएशन भी शामिल है। वकीलों की मांग है कि पुराने 25-25 प्रकरणों की समयावधि 3-3 माह समाप्त की जाए। पुराने प्रकरणों की सुनवाई शुक्रवार, शनिवार को हो। बाकी प्रकरणों की सुनवाई नियमित रूप से की जाए। छोटे-छोटे प्रथम अपराधी की जमानत सेशन कोर्ट से निरस्त की जाती है। इस कारण हाईकोर्ट में केस पेंडिंग हो रहे हैं।
3 महीने में 25 केस निपटाने के मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ के आदेश के खिलाफ प्रदेशभर के वकील 23 मार्च से हड़ताल पर हैं। 24 मार्च को हाईकोर्ट (जबलपुर) ने वकीलों से तत्काल काम पर लौटने को कहा। 10 पेज के आदेश में कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि यदि इसका पालन नहीं हुआ, तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। लेकिन, वकीलों की हड़ताल आज 5वें दिन भी जारी है।
सोमवार को स्टेट बार काउंसिल की सामान्य सभा की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि 29 मार्च तक प्रदेशभर के सभी वकील न्यायालयीन कार्य नहीं करेंगे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के नोटिस से वकीलों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। ऐसे में दोबारा 28-29 को प्रदेशभर में प्रतिवाद दिवस रहेगा। 29 मार्च को फिर से बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी।






