सागर नगर निगम का भ्रष्टाचार आया है सामने

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**गर्भवती माताओं को मुख्यमंत्री विवाह एवं निकाह योजना में किया लाभान्वित*

*मुख्यमंत्री विवाह एवं निकाह योजना में किये गए भ्रष्टाचार की जांच के लिए कलेक्टर को सौंपा स्मरण पत्र*

सागर। नगर निगम सागर द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री विवाह एवं निकाह कार्यक्रम में बड़े फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के आरोप आयोजन के दिन से ही लगते रहे हैं, इसके लिए नगर निगम सागर द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम सुर्खियों में रहा है। मंगलवार को जनसुनवाई में इस कार्यक्रम में हुए फर्जी वाले की शिकायत की जांच हेतु पुनः स्मरण पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार को उजागर करने की मांग की गई है।आरटीआई कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत सागर कलेक्टर से जनसुनवाई के माध्यम से दिनांक 10 सितंबर 2024 को की थी, इसमें बताया गया था कि नगर निगम द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री विवाह एवं निकाह कार्यक्रम में शादीशुदा जोड़ों को अनुचित तरीके से योजना का लाभार्थी बनाने के लिए दोबारा शादियां करवाई गई हैं एवं उनको लाभ दे दिया गया है। जिसके लिए नीचे से ऊपर तक लेनदेन का खेल खेला गया है। इसकी जांच को लेकर आवेदक ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर के नाम एक स्मरण पत्र पेश किया है। आरटीआई कार्यकर्ता यशवंत सिंह चौधरी ने संवाददाता से बातचीत करते हुए नगर निगम के कई वार्डों के पार्षदों, टैक्स कलेक्टरों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहित आला – अधिकारियों की मिली भगत के आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना में उन लोगों को भी लाभ दे दिया गया है जो कि पहले से प्रधानमंत्री मातृत्व योजना का लाभ ले चुकी थीं अथवा उसका आवेदन कर चुकी थी। सीधे शब्दों में कहे तो जो महिलाएं गर्भवती थीं वे मुख्यमंत्री विवाह एवं निकाह योजना के तहत दी जाने वाली 49000 की राशि के लिए दोबारा दुल्हन बनाकर कार्यक्रम में शामिल हुई। नगर निगम कर्मचारियों की इस लापरवाही को गंभीर अनियमितता को उजागर करने के उद्देश्य से आरटीआई कार्यकर्ता यशवंत चौधरी ने नगर निगम सागर से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत अपीलीय अधिकारी से हुए आदेशों के बाद प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर लगाए हैं। एवं पूरे प्रकरणों की जांच की मांग की है। यशवंत चौधरी का कहना है कि उन्होंने नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 48 में से 17 वार्डों के हितग्राहियों की जानकारी प्राप्त की। तथा महिला एवं बाल विकास विभाग से गर्भवती महिलाओं की जानकारी आरटीआई के माध्यम से ली गई। तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें बड़े स्तर पर मिली भगत से शासन की योजना की राशि का लाभ अपात्र लोगों को दे दिया है। इसकी जांच के लिए स्मरण पत्र देते हुए कहा है कि यदि इस फर्जी बारे में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ – साथ दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही नहीं होती है। तो वह न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होंगे, एवं इसके तहत जनहित याचिका दायर की जाएगी।।

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