रीवा(जनक्रांति न्यूज) अंकित मिश्रा :–रीवा के बहुचर्चित जनपद सीईओ कांड में भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी को कोर्ट ने आरोपी बनाया है। न्यायालय में दायर परिवाद की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि 16 अगस्त को जनपद सीईओ एस के मिश्रा पर प्राणघातक करने के मामले में विनय शुक्ला, मनीष शुक्ला, सत्यभान सिंह पटेल, ध्रुव तिवारी सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। साथ ही सिमरिया पुलिस ने गिरफ्तारी भी कर ली। लेकिन पूरे घटनाक्रम की साजिश में शामिल विधायक को आरोपी नहीं बनाया गया। क्या सेमरिया पुलिस की मिलीभगत है। क्योंकि पीड़ित ने शुरू से लेकर अंत तक सेमरिया विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन पुलिस ने कोर्ट में जो चालान पेश किया है। उसमें विधायक की भूमिका का कोई उल्लेख ही नहीं है। ऐसे में अदालत ने सेमरिया पुलिस को पुनः जांच कर 8 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
सिरमौर न्यायालय में हुई सुनवाई
सिरमौर न्यायालय ने 24 नवंबर को सुनवाई के दौरान माना है कि सेमरिया विधायक के पी त्रिपाठी की भूमिका भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 342, 294, 147, 148, 149, 353, 332, 325, 333 में संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त आधार है। ऐसे में तत्काल सेमरिया पुलिस 15 दिन में पुनः जांच कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करें जिससे फरियादी को न्याय दिलाया जा सके।
16 अगस्त को सिरमौर जनपद सीईओ पर हुआ था हमला
आपको बता दें 16 अगस्त को दोपहर 3:30 बजे सिरमौर जनपद सीईओ पर हमला हुआ था। सीईओ एसके मिश्रा बसामन मामा स्थित गौशाला में बैठक लेने गए थे। वहां से लौटते वक्त कुछ बदमाश पुरवा के पास गाड़ी को में हमला करने लगे और सीइओ के ऊपर हमला कर दिए, ड्राइवर ने डायल 100 को सूचना दिया। पुलिस भी हरकत में आ गई। जिसके बाद पुलिस ने तीन नामजद सहित 18 से 20 अज्ञात आरोपी बनाए थे जिसमें चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
आपको बता दें सिरमौर जनपद सीईओ एसके मिश्रा के ऊपर हमला होने के 2 घंटे पहले ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें सेमरिया विधायक, सिरमौर जनपद सीईओ एसके मिश्रा
को धमकाते हुए साफ सुनाई पड़ते हैं।
और सीईओ एसके मिश्रा शुरू से लेकर लास्ट तक विधायक को आरोपी बताते गए। लेकिन फिर भी पुलिस ने विधायक का कहीं जिक्र नहीं किया।
इसका साफ मतलब है सेमरिया पुलिस विधायक केपी त्रिपाठी को बचाने का भरपूर प्रयास कर रही है।