सोना ₹500 गिरकर ₹98,020 पर आया, चांदी ₹1,000 फिसली: ग्लोबल स्थिरता के बावजूद घरेलू बाजार में दबाव, जानें विशेषज्ञों की सलाह

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नई दिल्ली, 29 जुलाई, 2025: दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार (28 जुलाई 2025) को सोने और चांदी की कीमतों में लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई। 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹500 घटकर ₹98,020 प्रति 10 ग्राम पर आ गया, वहीं चांदी ₹1,000 गिरकर ₹1,13,000 प्रति किलो पर रही। विशेषज्ञों के अनुसार, घरेलू निवेशकों की बिकवाली, अमेरिका-यूरोप ट्रेड डील और डॉलर की मजबूती ने कीमती धातुओं की मांग और कीमत पर दबाव बनाया है।

कीमतों में गिरावट का विस्तृत विश्लेषण ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, 99.9 फीसदी शुद्धता वाले सोने की कीमत सोमवार को 98,020 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई, जो शनिवार को 98,520 रुपये थी। इस तरह, सिर्फ दो कारोबारी दिनों में सोने का भाव 500 रुपये सस्ता हो गया। इसी क्रम में, 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना टैक्स समेत 97,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि पिछले ट्रेडिंग सेशन में इसका भाव 98,250 रुपये था।

चांदी की बात करें तो इसमें भी 1,000 रुपये की भारी गिरावट देखी गई। सोमवार को चांदी 1,13,000 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई, जबकि शनिवार को इसका रेट 1,14,000 रुपये था।

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गिरावट के प्रमुख कारण बाजार विशेषज्ञों ने इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारकों को जिम्मेदार ठहराया है:

  • निवेशकों की बिकवाली: घरेलू बाजार में निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली और बिकवाली का दबाव देखने को मिला, जिससे कीमतों पर नकारात्मक असर पड़ा।
  • अमेरिका-यूरोप ट्रेड डील: अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच हुए नए ट्रेड डील को सोने की कीमतों में गिरावट की एक बड़ी वजह माना जा रहा है। इस समझौते में अमेरिका ने यूरोपीय वस्तुओं पर 15% टैरिफ लगाया है और बदले में यूरोपीय यूनियन ने अमेरिकी उद्योग में भारी निवेश का वादा किया है। यह डील पिछले हफ्ते अमेरिका-जापान डील की तरह ही है, जिसने वैश्विक व्यापार परिदृश्य में कुछ स्थिरता लाई है और सुरक्षित निवेश (सेफ हेवन) की आवश्यकता को कम किया है।
  • डॉलर की मजबूती: ग्लोबल मार्केट में सोने और चांदी के भाव काफी हद तक स्थिर बने रहे। स्पॉट गोल्ड 3,337.95 डॉलर प्रति औंस और चांदी 38.17 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करती नजर आई। अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने इन बहुमूल्य धातुओं की तेजी को थामने का काम किया है, क्योंकि डॉलर के मजबूत होने से अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना महंगा हो जाता है।

विशेषज्ञों की राय एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने बताया, “गोल्ड ने बीते सप्ताह सीमित दायरे में पॉजिटिव ट्रेड किया। कॉमैक्स में यह 3,335 डॉलर और एमसीएक्स में 98,050 रुपये के आसपास रहा। डॉलर इंडेक्स की मजबूती ने बाजार की तेजी थाम ली।”

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी के मुताबिक, “नए ट्रेड डील और डॉलर की मजबूती के चलते निवेशक फिलहाल सतर्क हैं। आने वाले सप्ताह में अमेरिकी आर्थिक डेटा और ट्रेड डील बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि डॉलर की मजबूती से बुलियन मार्केट पर दबाव पड़ा है और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा फेड चेयरमैन पावेल के साथ तनाव की बात को नकारने से फेड की स्वतंत्रता को लेकर निवेशकों की चिंता कम हुई, जिससे डॉलर को सपोर्ट मिला।

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आगे का रुझान और निवेशकों की सलाह अब निवेशकों के लिए यह सवाल है कि आगे सोने और चांदी में क्या रुख रहेगा। जतिन त्रिवेदी का मानना है कि आने वाला सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है। उनका कहना है कि “1 अगस्त की ट्रेड डील की डेडलाइन, अमेरिकी इकोनॉमिक डेटा जैसे एडीपी नॉनफार्म एम्प्लॉयमेंट, नॉनफार्म पेरोल्स, बेरोजगारी दर, जीडीपी और फेड की नीति—ये सभी फैक्टर्स बाजार को हिला सकते हैं। ऐसे में सोने का भाव 97,000 से 98,650 रुपये के दायरे में बना रह सकता है।”

फिलहाल सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दिख रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्ते में बाजार में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है। ऐसे में निवेशकों को किसी भी फैसले से पहले ग्लोबल इवेंट्स और प्रमुख आर्थिक डेटा पर पैनी नजर बनाए रखनी चाहिए।

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