ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन का पालन एक प्रमुख व्यवसाय है और पशु चारे की मांग हमेशा बनी रहती है. यह बिजनेस न केवल किसानों के लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक अच्छा अवसर है. पशुओं को साल भर चारे की आवश्यकता होती है, इसलिए इस व्यवसाय में मांग हमेशा बनी रहती है. कई सरकारें पशुपालन और पशु चारा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करती हैं.आप विभिन्न प्रकार के पशुओं के लिए अलग-अलग तरह का चारा बना सकते हैं, जैसे गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि. आइये जानते इसके बारे में..
Table of Contents
लाइसेंस लेने की होंगी जरुरत
आपने बिल्कुल सही कहा है कि पशु चारा फार्म शुरू करने के लिए कई तरह की औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। लेकिन इनका पालन करना कानूनी रूप से आवश्यक है और आपके व्यवसाय की विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद करता है। आप अपने पशु चारा फार्म का नाम ध्यानपूर्वक चुनें। नाम ऐसा होना चाहिए जो आपके व्यवसाय को दर्शाए और याद रखने में आसान हो। चूंकि आप पशु आहार बना रहे हैं, इसलिए FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। यह लाइसेंस सुनिश्चित करता है कि आपका उत्पाद खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करता है। इसके अलावा भारत में कोई भी व्यवसाय जो एक निश्चित सीमा से अधिक का कारोबार करता है, उसे जीएसटी के लिए पंजीकृत होना होता है। पशुओं के चारे का उत्पादन करने के लिए पशुपालन विभाग से लाइसेंस लेना आवश्यक है।
मिलेंगा इतना लोन
कई राज्य सरकारें और केंद्र सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के ऋण प्रदान करती हैं। इस बिजनेस के लिए भी आप यह लोन ले सकते हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं.
आवश्यक मशीने
चारा प्रसंस्करण के लिए इन मशीनों की आवश्यकता होती है जिसमे चारा पीसने के लिए चारा ग्राइंडर मशीन, पशु चारा मशीन, मिश्रण के लिए मिक्सर मशीन तथा चारा तोलने के लिए वेट मशीन और पैकिंग मशीन आदि शामिल है.
पशु चारा बिजनेस से कमाई
आपके द्वारा उठाया गया पशुपालन व्यवसाय का विषय निश्चित रूप से ग्रामीण भारत में एक महत्वपूर्ण और लाभदायक अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जो न केवल किसानों की आय बढ़ाता है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है। इससे अच्छी कमाई देखने को मिल सकती है.