मुर्रा नहीं कीजिए इस नस्ल की भैस का पालन, एक ब्यात में लगभग 1500 कि.ग्रा तक देती है दूध, जानिए

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हमारा देश कृषि प्रधान देश है यहाँ पर खेती के साथ साथ पशुपालन वभी किया जाता है. और इसके पशुपालक अच्छा मुनाफा भी कमाते यही कारण है कि नई-नई नस्लों की गायों और भैंसों को पाला जा रहा है और उनका दूध बेचा जा रहा है. भैंस की कई प्रजातियां अधिक दूध देती हैं. ये नस्लें डेयरी व्यवसाय के लिए बहुत अच्छी हैं. इसी में मेहसाना भैंस भारत के गुजरात राज्य की एक प्रसिद्ध भैंस नस्ल है, जो अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता और अनुकूलन क्षमता के लिए जानी जाती है। यह नस्ल मुर्रा और सुरती भैंसों के मिश्रण से विकसित हुई है। तो आइये जानते है इसके बारे में..

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मेहसाना भैंस की पहचान

मेहसाना भैंस की पहचान की अगर हम बात करे तो इस का रंग काला होता है, जिसमें सफेद धब्बे चेहरे, पैरों और पेट पर हो सकते हैं।, इन भैंसों के कान बड़े और लटकते हुए होते हैं।, उनके सींग मध्यम आकार के होते हैं और पीछे की ओर मुड़े होते हैं। इसका शरीर मजबूत और अच्छी तरह से विकसित होता है।

मेहसाना भैंस के पालन के बारे में

मेहसाना भैंस गर्म और शुष्क जलवायु में पनपती है, लेकिन यह ठंडे क्षेत्रों में भी अनुकूलित हो सकती है।, इन भैंसों को खुले चरागाहों में चरने और हरा चारा खाने की आदत होती है।, उन्हें संतुलित आहार, जिसमें हरा चारा, सूखा चारा, दाना और खनिज मिश्रण शामिल हैं, प्रदान करना महत्वपूर्ण है। और स्वच्छ पानी की उपलब्धता भी आवश्यक है।

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मेहसाना भैंस की दूध देने की क्षमता

मेहसाना भैंस डेयरी किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि वे उच्च दूध उत्पादन क्षमता रखती है, यह भैस एक ब्यात में लगभग 1200 से 1500 कि.ग्रा तक दूध देने की क्षमता रखती है.

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