Poultry Farming Business: देश में खेती के साथ-साथ किसान अब मुर्गी पालन (Poultry Farming) भी कर रहे हैं. खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन और पशुपालन करने से किसानों की आमदनी बढ़ती है. मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई राज्यों में सरकार किसानों को सब्सिडी भी देती है. भारत में लोग चिकन और अंडे खाना पसंद करते हैं. जिस कारण से मुर्गी पालन का बिजनेस तेजी से फल-फूल रहा है.
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एक अंडे की कीमत 100 रूपये से ज्यादा
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार अग्रवाल का कहना है कि मुर्गी पालन से किसानों की आय बढ़ती है. खेती के साथ-साथ किसान मुर्गी पालन का बिजनेस कर सकते हैं. मुर्गी पालन के लिए ज्यादा लागत लगाने की जरूरत नहीं होती है. खास बात यह है कि अगर किसान विशेष नस्ल की मुर्गियों को पालते हैं तो साल में 5 से 10 मुर्गियों से लाखों रुपये कमा सकते हैं. असील मुर्गी की पालन ज्यादातर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में की जाती है. यहां से कई देशों में इसका निर्यात भी किया जाता रहा है. तेज तर्राट इस लड़ाकू मुर्गी के आगे फेल है कड़कनाथ मुर्गी, एक अंडे की कीमत 100 रूपये से ज्यादा होती है.
असील मुर्गियां से कमाई
अगर किसान मुर्गी पालना चाहते हैं तो ऐसी नस्ल का चुनाव करें. जिनके अंडों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और किसानों को अच्छी आमदनी होती है. ऐसे में जरूरी है कि किसान असील मुर्गी या मुर्गे का पालन करें. खास बात यह है कि इस नस्ल के चिकन की कीमत कड़कनाथ से भी ज्यादा होती है. असील मुर्गियां साल में सिर्फ 60 से 70 अंडे ही देती हैं. लेकिन इनके अंडों की कीमत सामान्य मुर्गियों के अंडों से कहीं ज्यादा होती है. बाजार में असील मुर्गी के एक अंडे की कीमत 100 रुपये तक होती है. ऐसे में सिर्फ एक मुर्गी से साल भर में 60 से 70 हजार रुपये तक की कमाई की जा सकती है.
इस नस्ल के मुर्गों का इस्तेमाल लड़ाई में किया जाता है
डॉ मनोज कुमार अग्रवाल का कहना है कि असील मुर्गी सामान्य देसी मुर्गियों जैसी नहीं होती है. इसका मुंह लंबा होता है. यह देखने में लंबी लगती है. इसका वजन काफी कम होता है. बताया जाता है कि इस नस्ल की 4 से 5 मुर्गियों का वजन केवल 4 किलो ही होता है. इस नस्ल के मुर्गों का इस्तेमाल लड़ाई के लिए भी किया जाता है. अगर किसान शुद्ध नस्ल की मुर्गियों का पालन करते हैं तो अंडे बेचकर मालामाल हो सकते हैं.