देश में कई तरह से पशुपालन किया जाता है और इसमें मछलीपालन भी काफी बड़े पैमाने पर किया जाता है. भारत में कृषि, पशुपालन और मछली पालन न केवल खाद्य सुरक्षा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना काफी सराहनीय कदम है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो न केवल उनके आर्थिक स्तर को बेहतर बनाएगा बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी मजबूत करेगा। तो आइये जानते इसके बारे में. ..
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एयिरेशन सिस्टम इस्टैब्लिशमेंट योजना
उत्तर प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए एक सराहनीय पहल कर रही है। एयिरेशन सिस्टम इस्टैब्लिशमेंट योजना के माध्यम से मछली पालन को बढ़ावा देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए कुछ मानक तय किए हैं. इन मानकों को तय करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिले जो मछली पालन को गंभीरता से ले रही हैं और इस व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला सकती हैं।
एयिरेशन सिस्टम प्रदान किए जाएंगे
योजना के तहत महिला मत्स्य कृषकों को तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए एयिरेशन सिस्टम प्रदान किए जाएंगे। इससे मछलियों का विकास तेजी से होगा और मत्स्य उत्पादन बढ़ेगा। जिनके तालाब की वर्तमान मत्स्य उत्पादकता कम से कम 4-5 टन प्रति हेक्टेयर है उनको 0.5 हेक्टेयर के तालाब के लिए एक 2 हॉर्स पावर का क्याड पैडल नेल एरिएटर तथा 01 हेक्टेयर या उससे बड़े तालाब के लिए अधिकतम 2 एरिएटर दिये जायेंगे.
इतना मिलेगा अनुदान
मत्स्य कृषक के पास तालाब पर विद्युत कनेक्शन या जनरेटर की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि एयिरेशन सिस्टम को चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। तालाब का पट्टा कम से कम 5 साल के लिए वैध होना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थी लंबे समय तक मछली पालन का व्यवसाय जारी रख सकें। इस योजना से आवेदक की प्रति इकाई लागत 0.75 लाख रुपये पर सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. जबकि अनुसूचित जाति की महिलाओं को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा.
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ऐसे करे आवेदन
आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए विभागीय वेबसाइट fisheries.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान की गई है। हैचरी स्वामी, निजी तालाब और पट्टा तालाब वाले भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। 19 अगस्त तक आनलाइन आवेदन किया जा सकता है.