मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना 2025: शहरी क्षेत्रों को प्रदूषण मुक्त बनाने और रोजगार बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों को प्रदूषण मुक्त बनाने और ऑटो रिक्शा चालकों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना 2025 शुरू करने का निर्णय लिया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत पहले चरण में 3500 लाभार्थियों को फायदा पहुंचाया जाएगा। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में परिवहन को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है।
योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को नए ई-रिक्शा की खरीद और पुराने डीजल तथा पेट्रोल रिक्शा को ई-रिक्शा में बदलने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2027-28 तक जारी रहेगा। योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना 2025 की मुख्य विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
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योजना का उद्देश्य | शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण कम करना और ऑटो रिक्शा चालकों की आय बढ़ाना |
लाभार्थियों की संख्या (पहला चरण) | 3500 |
कुल ऋण राशि | ₹4 लाख तक |
ब्याज अनुदान (केंद्र सरकार) | 8% (DBT के माध्यम से) |
ब्याज अनुदान (राज्य सरकार) | 5% |
कुल ब्याज अनुदान | 13% |
ऋण का प्रकार | कोलेटरल (गिरवी) मुक्त |
लाभार्थियों का चयन | टास्क फोर्स समिति द्वारा |
आवेदन प्रक्रिया | निःशुल्क |
उम्र सीमा | 18 से 55 वर्ष |
लाइसेंस अनिवार्यता | वैध मोटर व्हीकल लाइसेंस |
महिला सशक्तिकरण | शहरी गरीब महिलाओं को विशेष लाभ |
क्रियान्वयन अवधि | 2025 से 2027-28 तक |
मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना के लाभ
- आर्थिक सहयोग – योजना के तहत लाभार्थियों को ₹4 लाख तक का ऋण बिना किसी कोलेटरल के दिया जाएगा।
- ब्याज सब्सिडी – केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से कुल 13% तक की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- महिला सशक्तिकरण – योजना के तहत शहरी गरीब महिलाओं को विशेष रूप से लाभ दिया जाएगा, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा।
- पर्यावरण संरक्षण – ई-रिक्शा के उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर – शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से ई-रिक्शा चालकों को सुगमता होगी।
पात्रता शर्तें
- आवेदक का मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्र में स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदक की उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- लाभार्थी के पास मोटर व्हीकल लाइसेंस का होना आवश्यक है।
- पहले से ऑटो रिक्शा चलाने वाले चालकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया
योजना के तहत आवेदन पत्र नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। लाभार्थियों के चयन के लिए टॉस्क फोर्स समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष परियोजना अधिकारी (शहरी विकास अभिकरण) होंगे और अन्य सदस्यों में बैंक प्रतिनिधि और योजना प्रभारी शामिल होंगे। बैंकों को निर्देश दिया गया है कि आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर निपटारा करना अनिवार्य होगा और ऋण वितरण की प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी।
महिला सशक्तिकरण को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना के तहत महिलाओं को विशेष लाभ प्रदान किया जाएगा। इससे महिलाओं को स्वावलंबी बनने में मदद मिलेगी और उनकी आय के नए स्रोत खुलेंगे। योजना के तहत ई-रिक्शा के लिए विशेष चार्जिंग सुविधा और रियायती दरों पर बैटरी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
पर्यावरण के लिए सकारात्मक पहल
मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना से राज्य के शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण को स्वच्छ और हरित बनाने में मदद मिलेगी। ई-रिक्शा से डीजल और पेट्रोल रिक्शा की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। साथ ही, ई-रिक्शा चार्जिंग के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना 2025 के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार न केवल शहरी क्षेत्रों को प्रदूषण मुक्त बनाएगी, बल्कि ऑटो रिक्शा चालकों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ करेगी। इस योजना से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और गरीब तथा मध्यम वर्ग के लोगों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।
