अंतरिक्ष की ऊंचाइयों से अतीत के गड्ढों तक: देश कहां जा रहा है?

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न्यूयॉर्क/नागपुर, 18 मार्च 2025, जनक्रांति न्यूज़: एक तरफ भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर रहकर आज सुबह 4 बजे स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से पृथ्वी पर लौट रही हैं। दूसरी तरफ, नागपुर की सड़कें धू-धू कर जल रही हैं, जहां औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के दौरान धार्मिक किताब जलाने की अफवाहों ने हिंसा को हवा दी। यह विरोधाभास हमें सोचने पर मजबूर करता है—जब हम अंतरिक्ष में छलांग लगा रहे हैं, तो हमारा देश अतीत के गड्ढों में क्यों फंस रहा है?

सुनीता विलियम्स: अंतरिक्ष में भारत का गौरव

सुनीता विलियम्स और बैरी “बच” विलमोर 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे। हीलियम रिसाव और थ्रस्टर्स की तकनीकी खराबी के कारण उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने तक खिंच गया। इन महीनों में सुनीता ने अंतरिक्ष में चहलकदमी की, बच्चों को अंतरिक्ष जीवन के बारे में सिखाया, और मानवता की सीमाओं को आगे बढ़ाया। उनके साथ निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी आज स्पेसएक्स ड्रैगन से लौट रहे हैं। यह उपलब्धि भारत के लिए गर्व का क्षण है, लेकिन धरती पर चल रहे घटनाक्रम इस गर्व को चुनौती दे रहे हैं।

नागपुर में हिंसा: अफवाहों से आग तक

17 मार्च को नागपुर के महल इलाके में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब का पुतला जलाया गया, लेकिन इसके बाद अफवाहें फैलीं कि एक धार्मिक किताब जलाई गई। नागपुर में हिंसा भड़क उठी—पत्थरबाजी हुई, गाड़ियां जलाई गईं, पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। 10 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, और 50 से अधिक को हिरासत में लिया गया। VHP और बजरंग दल ने इन आरोपों को खारिज किया, यह कहते हुए कि उन्होंने केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।

नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है। पिछले 35 सालों में यहां कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। दीक्षा भूमि और हजरत ताजुद्दीन बाबा की दरगाह जैसे स्थानों पर लाखों हिंदू-मुस्लिम एक साथ आते हैं। रामनवमी की शोभायात्रा मुस्लिम बस्ती मोमीनपुरा से गुजरती है, जहां मुस्लिम फूल बरसाकर स्वागत करते हैं। लेकिन अब यह शांति टूट रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं — राजनेतिक दलों का मकसद सिर्फ हिंदू-मुस्लिम माहौल खराब करना है?

देश कहां जा रहा है?

सोचिए, एक तरफ सुनीता विलियम्स जैसे लोग अंतरिक्ष में 286 दिन बिताकर विज्ञान की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। नासा और स्पेसएक्स हमें ब्रह्मांड की गहराइयों तक ले जा रहे हैं। दूसरी तरफ, औरंगजेब की कब्र और अफवाहों को लेकर नागपुर जल रहा है। न्यूज़ चैनल 24 घंटे नफरत को हवा दे रहे हैं। पिछले एक महीने से फिल्म छावा के बाद नेता और मंत्री भड़काऊ बयान दे रहे हैं, जिसका नतीजा आज सड़कों पर दिख रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे “सुनियोजित हमला” बताया, लेकिन सवाल यह है कि ऐसी साजिशों को रोकने में सरकार क्यों नाकाम हो रही है?

भड़काऊ नेताओ ने देश का क्या हाल बना दिया? सुनीता विलियम्स अगर यह देखेंगी, तो सोचेंगी कि जिस देश ने उन्हें सम्मान दिया, वह आज कहां खड़ा है। लोग शांतिप्रिय हैं, आपस में मिलकर रहते हैं। लेकिन नेता बेशर्मी और नीचता की हदें पार कर रहे हैं। उनकी सस्ती बयानबाजी और प्रोपेगैंडा हमारे देश को पीछे धकेल रहा है। हमें तय करना होगा—क्या हम अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं या अतीत के गड्ढों में फंसना चाहते हैं?

अंतिम अपील: सभी से गुजारिश है कि शांति बनाए रखें। आपस में हमें रहना है, नेताओं के बहकावे में न आएं।

Arshad Khan

Arshad Khan is a digital marketing expert and journalist with over 11 years of freelance experience in the media industry. Before joining MP Jankranti News, he worked with SR Madhya Pradesh News as a freelancer, focusing on digital growth and audience engagement. For the past 6 years, he has been contributing to MP Jankranti News through news coverage, content strategy, and digital outreach. His expertise lies in combining journalism with digital marketing techniques to maximize organic reach and reader engagement.

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