Monad University Fake Marksheet Case: STF और पिलखुवा पुलिस ने फरीदाबाद से एक और आरोपी को दबोचा, 957 ब्लैंक मार्कशीट सहित बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद। इंदौर और भोपाल में भी एजेंट सक्रिय होने के सबूत मिले।
हापुड़/फरीदाबाद। मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी मार्कशीट घोटाले में बड़ा अपडेट सामने आया है। एसटीएफ लखनऊ और पिलखुवा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार को वांछित आरोपी राजेश, निवासी मुकेश कॉलोनी, बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) को हाई स्ट्रीट 81 मॉल से गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से 957 ब्लैंक मार्कशीट, 223 ब्लैंक सर्टिफिकेट, 575 प्रोविजनल सर्टिफिकेट, 49 फर्जी तैयार मार्कशीट, दो प्रिंटर, मानोग्राम सील, कार्ट्रिज, और एक कंप्यूटर बरामद किया गया है।
संगठित गिरोह का पर्दाफाश, मध्य प्रदेश से भी जुड़ा है कनेक्शन
थाना प्रभारी पटनीश कुमार ने बताया कि राजेश, पहले से गिरफ्तार संदीप सहरावत का साथी है और दोनों मिलकर फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे। संदीप की गिरफ्तारी के बाद राजेश फरार था। पूछताछ में यह भी सामने आया कि यह एक संगठित गिरोह है, जिसके एजेंट न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में भी सक्रिय हैं। हापुड़ पुलिस को इन शहरों में भी एजेंटों की मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिले हैं।
कई राज्यों में जांच का दायरा
इससे पहले शनिवार को मोनाड यूनिवर्सिटी में छापेमारी कर एसटीएफ ने चेयरमैन विजेंद्र सिंह समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब तक फर्जी डिग्रियों और दस्तावेजों की बरामदगी का आंकड़ा 1421 पार कर चुका है।
“यह गिरोह कई राज्यों में सक्रिय है। इंदौर और भोपाल में भी इसके एजेंटों की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। जल्द ही वहां भी कार्रवाई की जाएगी।”
— पुलिस अधिकारी, हापुड़
मान्यता रद्द करने की सिफारिश पहले ही हो चुकी
इस घोटाले के बाद हापुड़ डीएम और एसपी ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को पत्र लिखकर मोनाड यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शासन वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रहा है।