राहुल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार, एमपी जनक्रांति न्यूज़
इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े महानगर इंदौर में आगामी त्योहारों को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया गया है। इंदौर की महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर में मांस बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। यह प्रतिबंध आने वाले कुछ खास त्योहारों के दिनों में लागू होगा। इसका मकसद शहर में धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना और त्योहारों की पवित्रता को बनाए रखना बताया जा रहा है।
महापौर के मुताबिक, विक्रम संवत 2082 के भाद्रपद माह में पड़ने वाले प्रमुख पर्वों के मौके पर नगर निगम की सीमा के अंदर आने वाली सभी मांस और मटन की दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी। साथ ही सभी पशु वधगृह (स्लॉटर हाउस) भी इन दिनों बंद रहेंगे। नगर निगम के अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन करवाने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
5 पॉइंट्स में समझें पूरी घटना
1. किन-किन तारीखों पर लगेगा प्रतिबंध?
त्योहारों के नाम और तारीखों की पूरी लिस्ट यह रही:
- श्री गणेश चतुर्थी: 27 अगस्त, 2024 (मंगलवार)
- डोल ग्यारस (जन्माष्टमी के बाद): 3 सितंबर, 2024 (मंगलवार)
- अनंत चतुर्दशी: 6 सितंबर, 2024 (शुक्रवार)
- जैन समाज का पर्यूषण पर्व: यह पर्व 30 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर तक चलेगा। इसमें भाद्रपद शुक्ल पंचमी (30 अगस्त) और भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी (6 सितंबर) को विशेष प्रतिबंध रहेगा।
यानी, 27 अगस्त, 30 अगस्त, 3 सितंबर और 6 सितंबर – इन चार दिनों पर शहर में मांस की कोई भी बिक्री नहीं होगी।
2. प्रतिबंध की वजह क्या है?
इस फैसले की मुख्य वजह इंदौर शहर की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता है। शहर में हिंदू और जैन समुदाय की काफी बड़ी आबादी है। गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी/डोल ग्यारस और अनंत चतुर्दशी हिंदुओं के प्रमुख त्योहार हैं, जबकि पर्यूषण पर्व जैन समुदाय का सबसे पवित्र त्योहार माना जाता है। इन दिनों अहिंसा, उपवास और पूजा-पाठ पर विशेष जोर दिया जाता है। ऐसे में, मांस की बिक्री और पशु वध को धार्मिक भावनाओं के खिलाफ माना जाता है। शहर में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए ही यह कदम उठाया गया है।
3. प्रतिबंध का दुकानदारों और आम लोगों पर क्या असर होगा?
- मांस दुकान मालिकों के लिए: लगभग एक हफ्ते में चार दिन की बंदी का सीधा असर इन दुकानदारों की आमदनी पर पड़ेगा। खराब होने वाला सामान भी उनके लिए नुकसान का सबब बन सकता है।
- होटल और रेस्तरां के लिए: होटलों में आमतौर पर पहले से ही मांस स्टॉक रहता है, इसलिए उन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ने की उम्मीद है। हालांकि, ताजा मांस की सप्लाई बाधित होगी।
- आम नागरिकों के लिए: जो लोग नॉन-वेज खाना पसंद करते हैं, उन्हें इन चार दिनों के लिए अपने खान-पान में बदलाव करना पड़ेगा। उन्हें या तो घर पर ही पहले से सामान मंगवाना होगा या फिर शाकाहारी भोजन करना होगा।
4. पहले भी लगता रहा है ऐसा प्रतिबंध?
इंदौर में त्योहारों के दौरान मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाना कोई नई बात नहीं है। पिछले कई सालों से यह एक रूटीन की तरह होता आ रहा है। नगर निगम हर साल जैन पर्यूषण पर्व और अन्य बड़े त्योहारों पर ऐसे आदेश जारी करता है। पिछले साल भी लगभग इसी तरह के 8 दिनों के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। इसलिए, ज्यादातर दुकानदार और व्यवसायी इसके लिए पहले से ही तैयार रहते हैं।
5. नियम तोड़ने वालों के लिए क्या सजा है?
नगर निगम के अधिकारियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे इन तारीखों पर शहर का दौरा करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी दुकान खुली न हो। अगर कोई दुकानदार इन नियमों को तोड़ता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसे जुर्माना किया जा सकता है और दुकान की लाइसेंस रद्द भी की जा सकती है।
लोगों की क्या है राय?
इस फैसले पर शहर के लोगों की अलग-अलग राय है।
- राजेश जैन (सिटी चौपाटी निवासी): “यह बहुत ही अच्छा फैसला है। त्योहार का माहौल शुद्ध और पवित्र रहना चाहिए। हम लोग इन दिनों उपवास रखते हैं, ऐसे में मांस की बिक्री उचित नहीं है। नगर निगम को यह आदेश जारी करने के लिए धन्यवाद।”
- मोहम्मद इरफान (बाजार में मटन दुकान चलाते हैं): “हमारी मजबूरी समझनी चाहिए। चार दिन की बंदी से हजारों रुपये का नुकसान होता है। हालांकि, हम समझते हैं कि त्योहार की भावना का सम्मान करना जरूरी है। हम पहले से ही ग्राहकों को सूचित कर देते हैं कि कब-कब दुकान बंद रहेगी।”
- प्रिया मालवीया (विजय नगर की युवा प्रोफेशनल): “मैं नॉन-वेज खाती हूं, लेकिन मैं इस प्रतिबंध का सम्मान करती हूं। धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं, इसलिए यह जरूरी है। हम लोग पहले ही घर पर जरूरत का सामान लाकर रख लेते हैं।”
पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी: अगर आप दुकान खुली देखें, तो –
- इंदौर नगर निगम हेल्पलाइन पर कॉल करें: 0731-2540616।
- पुलिस हेल्पलाइन: 100 या 112।
- ऑनलाइन शिकायत: indoremunicipal.com पर।
- मीट खरीदने वाले पहले से स्टॉक रखें या शाकाहारी ऑप्शन चुनें। ये पब्लिक सर्विस है, ताकि कोई परेशान न हो।
क्या है भविष्य की रणनीति?
ऐसा लगता है कि आने वाले सालों में भी यह प्रथा जारी रहेगी। नगर निगम की कोशिश है कि एक ऐसा बैलेंस बनाया जाए जिससे सभी समुदायों की भावनाओं का ख्याल रखा जाए और व्यवसायियों को भी ज्यादा से ज्यादा पहले सूचित किया जाए। हो सकता है कि भविष्य में दुकानदारों के नुकसान की भरपाई के लिए या लाइसेंस शुल्क में छूट जैसे कोई उपाय भी सोचे जाएं। इंदौर नगर निगम का यह फैसला शहर की धार्मिक सद्भावना और सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखने की दिशा में एक कदम है। जहां एक तरफ यह एक बड़े तबके की धार्मिक भावनाओं के अनुरूप है, वहीं दूसरी तरफ यह छोटे व्यवसायियों के लिए एक चुनौती पैदा करता है। आम नागरिकों के लिए जरूरी है कि वे इन तारीखों को ध्यान में रखकर अपनी जरूरत की खरीदारी पहले ही कर लें।
➤ क्या आपको लगता है कि त्योहारों के दौरान मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगना चाहिए? हमें कमेंट में बताएं अपनी राय।

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