भोपाल, 27 अगस्त 2025 आजकल हर कोई मोबाइल पर ऐप यूज करता है। लेकिन साइबर चोर नए तरीके से लोगों को ठग रहे हैं। भोपाल साइबर पुलिस ने चेतावनी दी है कि ट्रेंडिंग APK फाइल्स से सावधान रहें। ये चोर पॉपुलर ऐप की APK फाइल भेजकर बैंक डिटेल, UPI पिन और पर्सनल जानकारी चुरा लेते हैं। फिर बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं। MP में ये समस्या तेजी से बढ़ रही है। भोपाल, इंदौर या बुरहानपुर जैसे शहरों में लोग रोज शिकार हो रहे हैं। MP जनक्रांति न्यूज आपको बताता है पूरी बात, ताकि आप और आपके परिवार सुरक्षित रहें। ये अलर्ट आपकी जेब और जानकारी बचाने के लिए है।
ये फ्रॉड कैसे होता है? चोर व्हाट्सएप, ईमेल या मैसेज से APK फाइल भेजते हैं। जैसे शादी का कार्ड, गैस कनेक्शन या ट्रैफिक चालान। क्लिक करने पर मोबाइल हैक हो जाता है। पुलिस ने टॉप 7 ट्रेंडिंग फ्रॉड बताए: गैस कनेक्शन, कार रेंटल, ई-सिम एक्टिवेशन, हॉस्पिटल अपॉइंटमेंट, बैंकिंग, शादी इनविटेशन और ट्रैफिक चालान। भोपाल में शादी कार्ड वाली APK सबसे ज्यादा चल रही है। ये फाइल डाउनलोड करने से चोर फोन कंट्रोल कर लेते हैं और आगे दूसरों को भेजते हैं।
इस हैकिंग के बाद ठग आपके बैंक अकाउंट की डिटेल, UPI पिन, पर्सनल फोटोज और सारी निजी जानकारी चुरा लेते हैं। इस जानकारी का इस्तेमाल करके वो पल भर में आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं। साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी कीमत पर किसी भी अंजान लिंक या APK फाइल को डाउनलोड न करें।

5 पॉइंट्स में समझें ये ‘वेडिंग कार्ड’ फ्रॉड
- कैसे होता है ये फ्रॉड? आपके वॉट्सऐप पर किसी जाने-पहचाने या अनजान नंबर से एक फाइल आती है, जिसका नाम “wedding invitation card.apk” होता है। यह एक एप्लिकेशन फाइल (APK) है, जो आमतौर पर एंड्रॉयड फोन के लिए होती है। जैसे ही आप इसे उत्सुकतावश डाउनलोड करते हैं, यह फाइल आपके फोन में चुपके से इंस्टॉल हो जाती है और ठगों को आपके फोन का पूरा कंट्रोल दे देती है।
- कैसे करता है काम? यह APK फाइल एक तरह का ‘स्पाईवेयर’ है। यह आपके फोन में घुसकर आपके मैसेज, फोटो, कॉन्टैक्ट्स और सबसे खतरनाक, आपके बैंक और यूपीआई ऐप्स की जानकारी चुराता है। इसके बाद, अपराधी आपके खाते से पैसे निकालने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। कई बार तो वे इसी फाइल को आपके कॉन्टैक्ट्स को भी भेज देते हैं, जिससे यह फ्रॉड एक चेन रिएक्शन की तरह फैलता है।
- क्या सिर्फ वेडिंग कार्ड ही खतरा है? नहीं। साइबर पुलिस, भोपाल ने ऐसे 7 सबसे खतरनाक APK फ्रॉड्स की लिस्ट जारी की है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- गैस कनेक्शन APK ठगी: गैस सिलिंडर बुक कराने या नया कनेक्शन लेने के नाम पर फेक ऐप डाउनलोड कराया जाता है और पैसे ऐंठे जाते हैं।
- ऑनलाइन कार रेंटल APK ठगी: कार बुक करने या किराए पर लेने के नाम पर एडवांस पेमेंट ऐंठ लिया जाता है।
- ई-सिम एक्टिवेशन APK ठगी: ई-सिम एक्टिवेट कराने के बहाने आपकी पहचान और मोबाइल नंबर तक की पहुंच हासिल कर ली जाती है।
- हॉस्पिटल अपॉइंटमेंट APK ठगी: हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट बुक कराने के नाम पर डाटा चोरी और पेमेंट फ्रॉड किया जाता है।
- बैंकिंग APK ठगी: फर्जी बैंकिंग सर्विसेज के ऐप से आपका UPI/नेट बैंकिंग का इन्फॉर्मेशन चुराया जाता है।
- शादी का निमंत्रण APK ठगी: (जैसा कि ऊपर बताया गया है)।
- ट्रैफिक चालान/वाहन परिवहन APK ठगी: चालान का भुगतान करने के नाम पर फेक ऐप के जरिए पैसे ऐंठे जाते हैं।
- साइबर ठग क्यों कर रहे हैं ऐसा? साइबर अपराधी जानते हैं कि लोग अपनी जानकारी को लेकर कितने लापरवाह होते हैं। वे हमारे इमोशन्स और जरूरतों का फायदा उठाते हैं। जैसे, शादी के कार्ड को लोग बिना सोचे-समझे खोलते हैं, या गैस कनेक्शन जैसी जरूरी चीज के लिए तुरंत ऐप डाउनलोड कर लेते हैं। यही उनकी सबसे बड़ी चाल है।
- बचाव कैसे करें? साइबर पुलिस, भोपाल के अनुसार, खुद को सुरक्षित रखने के लिए ये सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी हैं:
- अज्ञात लिंक से दूर रहें: वॉट्सऐप, ईमेल या एसएमएस पर आए किसी भी अनजान लिंक या APK फाइल को कभी डाउनलोड न करें।
- प्ले स्टोर ही सबसे सुरक्षित: हमेशा ऐप सिर्फ Google Play Store या Apple App Store से ही इंस्टॉल करें।
- ऑफिशियल वेबसाइट का इस्तेमाल करें: बैंक, अस्पताल या सरकारी सेवाओं के लिए हमेशा उनकी आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का ही उपयोग करें।
- साइबर पुलिस की अपील: अगर आप किसी फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

आंकड़े बताते हैं बढ़ता खतरा
मध्य प्रदेश साइबर क्राइम विभाग के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 6 महीनों में राज्य में APK फ्रॉड के मामलों में 70% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सिर्फ भोपाल में ही हर हफ्ते इस तरह के दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो भारत में हर साल साइबर ठगी के हज़ारों करोड़ रुपये के मामले दर्ज होते हैं, जिनमें APK फ्रॉड का हिस्सा तेजी से बढ़ रहा है।
एक शिकार की कहानी: “मेरे 50,000 रुपये उड़ गए!
भोपाल के कोलार निवासी राहुल वर्मा (नाम बदला हुआ) इस ठगी का शिकार हुए। उन्हें अपने एक रिश्तेदार के नंबर से व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया जिसमें उनकी बेटी की शादी का कार्ड था और APK डाउनलोड करने का लिंक था। राहुल ने बताया, “मैंने सोचा कार्ड है, डाउनलोड करके देखता हूं। फाइल इंस्टॉल करते ही कुछ अजीब लगा, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया। अगले दिन मेरे बैंक अकाउंट से 50,000 रुपये UPI के जरिए किसी अंजान अकाउंट में ट्रांसफर हो गए। मैंने तुरंत बैंक और साइबर पुलिस को शिकायत की।” राहुल की तरह सैकड़ों लोगों की मेहनत की कमाई इन ठगों की भेंट चढ़ चुकी है।
भविष्य में क्या बदलाव आ सकते हैं?
साइबर ठग लगातार अपने तरीके बदल रहे हैं। भविष्य में और भी सोशल इंजीनियरिंग के नए तरीके आ सकते हैं, जैसे सरकारी योजनाओं के नाम पर ऐप भेजना या फर्जी जॉब ऑफर के लिंक भेजना। साइबर पुलिस की टीमें भी इनके पीछे पड़ी हैं और नए-नए तरीकों से लोगों को जागरूक कर रही हैं। आने वाले समय में और सख्त कानून और तेजी से कार्रवाई की उम्मीद है।
खुद को बचाने के लिए याद रखें ये 5 जरूरी बातें
- किसी अंजान लिंक पर क्लिक न करें: व्हाट्सएप, ईमेल या एसएमएस पर आए किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- कभी भी APK फाइल न डाउनलोड करें: सिर्फ Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप्स डाउनलोड करें। किसी थर्ड-पार्टी वेबसाइट या लिंक से APK डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है।
- URL हमेशा चेक करें: किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसका URL जरूर देखें। अगर वह अजीब लगे या official website जैसा न लगे, तो उस पर भरोसा न करें।
- एंटी-वायरस जरूर लगाएं: अपने फोन में एक अच्छा एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके रखें और उसे नियमित अपडेट करते रहें।
- शक हो तो तुरंत कार्रवाई करें: अगर आपसे कोई गलती हो जाए या आपको किसी पर शक हो, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और अपने अकाउंट को ब्लॉक करवाएं।
अगर ठगी हो ही जाए तो क्या करें?
अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो घबराएं नहीं। तुरंत ये कदम उठाएं:
- सबसे पहले अपने बैंक की कस्टमर केयर को फोन करके कार्ड/अकाउंट ब्लॉक करवाएं।
- तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।
- ऑनलाइन शिकायत के लिए आधिकारिक वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर जाएं।
- ईमेल के जरिए ps.cybercell-bpl@mppolice.gov.in पर या ☎️ 7587646775 पर संपर्क कर सकते हैं।
➤ क्या आपने भी कभी व्हाट्सएप पर ऐसा कोई अजीब लिंक या मैसेज देखा है? हमें कमेंट में बताएं। इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके दूसरों को सुरक्षित रहने में मदद करें।

- MP Jankranti News Website: www.mpjankrantinews.in
- Follow MP Jankranti News: Twitter | Facebook | Instagram
- अपने व्हाट्सएप नंबर पर मध्यप्रदेश की भर्तियों स्कूल कॉलेज, सरकारी विभागों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे दिए दी गई लिंक से व्हाट्सएप पर जुड़े Telegram और WhatsApp चैनल से जुड़ें!