कसरावद: छात्र की मौत पर बवाल, पुलिस थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप; SDOP ने दिया निष्पक्ष जांच का भरोसा

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खरगोन जिले के कसरावद में एक छात्र की मौत के बाद बलकवाड़ा थाने में हंगामा हो गया। पीड़ित परिवार ने थाना प्रभारी रितेश यादव पर अभद्रता और आरोपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। यह breaking news सामने आने के बाद SDOP श्वेता शुक्ला ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार करवाया और निष्पक्ष जांच का official statement दिया है।

कसरावद, खरगोन, मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में एक hostel student की मौत के मामले ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पूरा मामला कसरावद तहसील के बलकवाड़ा पुलिस थाना से जुड़ा है, जहां एक छात्र की मौत के बाद न्याय की गुहार लगाने पहुंचे पीड़ित परिवार के साथ कथित तौर पर थाना प्रभारी द्वारा दुर्व्यवहार किया गया। इस घटना के बाद गुस्साए छात्र संगठन (ABVP) और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना मंगलवार रात की है, जब बलकवाड़ा के एक सरकारी छात्रावास में 11वीं कक्षा के छात्र सुरेश यादव (परिवर्तित नाम) की तबीयत अचानक बिगड़ गई। हॉस्टल प्रबंधन ने उसे इलाज के लिए एक झोलाछाप डॉक्टर, पप्पू चौहान के पास भेजा। आरोप है कि डॉक्टर ने छात्र को एक इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसकी हालत और खराब हो गई और वह बेहोश हो गया। घबराहट में, डॉक्टर चौहान छात्र को जिला अस्पताल ले जाने की बजाय रास्ते में ही छोड़कर फरार हो गया। बाद में छात्र की मौत हो गई।

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मृतक छात्र के परिजन जब बुधवार को बलकवाड़ा थाने पहुंचे तो उन्हें एक और सदमा लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी रितेश यादव ने उनकी रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया और उनसे दुर्व्यवहार किया। परिजनों के मुताबिक, टीआई ने उनसे कहा, “रिपोर्ट से क्या होगा? आधे घंटे में उसकी जमानत हो जाएगी।” यह official statement सुनकर परिवार और वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। उनका कहना है कि जिस पुलिस अधिकारी पर न्याय की जिम्मेदारी थी, वही आरोपी के पक्ष में खड़ा नजर आया।

48 घंटे बाद मिला न्याय: SDOP श्वेता शुक्ला ने संभाली कमान

थाने में सुनवाई न होने और FIR दर्ज न होने के कारण पीड़ित परिवार 48 घंटों तक न्याय के लिए भटकता रहा। इसके बाद, उन्होंने छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से संपर्क किया। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के साथ पीड़ित परिवार ने कसरावद एसडीएम कार्यालय पर धरना दिया और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, महेश्वर के एसडीओपी (SDOP) श्वेता शुक्ला ने कमान संभाली। उन्होंने बिना देर किए बलकवाड़ा थाने का रुख किया और वहां पहुंचकर स्वयं घटना की जांच शुरू की। एसडीओपी ने breaking news देते हुए बताया कि शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी डॉक्टर पप्पू चौहान के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि डॉक्टर के पास कोई वैध medical degree या रजिस्ट्रेशन नहीं था।

एसडीओपी श्वेता शुक्ला ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की जांच निष्पक्ष होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि थाना प्रभारी रितेश यादव के आचरण की भी विभागीय जांच (departmental inquiry) बिठाई गई है।

यह घटना खरगोन जिले (पिन कोड: 451001) के कसरावद तहसील में हुई है, जो अब local news में प्रमुखता से छाया हुआ है। इस घटना ने स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था, दोनों पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है, क्योंकि उनकी लापरवाही से कई मासूमों की जान जा चुकी है। इस मामले में पुलिस की शुरुआती निष्क्रियता ने भी नागरिकों में असंतोष पैदा किया था।

एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एसडीओपी श्वेता शुक्ला की कार्रवाई की सराहना की और उन्हें ‘न्याय की देवी’ बताया। उन्होंने कहा कि उनके त्वरित हस्तक्षेप से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है और जनता का पुलिस पर भरोसा वापस लौटा है।

FAQs: इस मामले से जुड़े प्रमुख सवाल-जवाब

Q1: बलकवाड़ा थाने का मामला क्या है? A: Kasrawad के बलकवाड़ा थाने में एक छात्र की मौत के बाद रिपोर्ट दर्ज न करने और FIR को लेकर हुई कथित अभद्रता का मामला है।

Q2: आरोपी कौन है और उसकी गिरफ्तारी क्यों हुई? A: आरोपी एक झोलाछाप डॉक्टर पप्पू चौहान है, जिसने छात्र को गलत इंजेक्शन दिया, जिसके बाद छात्र की मौत हो गई। उसे गैर-कानूनी तरीके से इलाज करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

Q3: थाना प्रभारी पर क्या आरोप लगे हैं? A: बलकवाड़ा थाने के प्रभारी रितेश यादव पर पीड़ित परिवार के साथ दुर्व्यवहार करने और आरोपी का पक्ष लेने का आरोप लगा है।

Q4: मामले में क्या latest update है? A: SDOP Shweta Shukla ने हस्तक्षेप कर आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार करवाया है और थाना प्रभारी के आचरण पर departmental inquiry बिठाई गई है।

Q5: छात्र संगठन एबीवीपी की क्या भूमिका रही? A: ABVP के कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार के साथ मिलकर SDM कार्यालय में धरना दिया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।

Q6: क्या यह घटना किसी government order से संबंधित है? A: यह घटना सीधे तौर पर किसी सरकारी आदेश से जुड़ी नहीं है, लेकिन यह law and order और police accountability से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामला है।

जवाबदेही और न्याय की जरूरत

कसरावद की यह घटना न केवल एक दुखद incident है बल्कि यह हमारे सिस्टम की कमजोरियों को भी उजागर करती है। जब न्याय देने वाली संस्था के कुछ लोग ही गलत आचरण करते हैं, तो आम जनता का भरोसा टूट जाता है। हालांकि, एसडीओपी श्वेता शुक्ला की त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सही नेतृत्व और political will से न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है। यह मामला एक सबक है कि पुलिस अधिकारियों को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और हर नागरिक को न्याय पाने का अधिकार है। इस मामले में state government को भी police reforms और accountability पर ध्यान देना चाहिए।

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