मध्य प्रदेश के जबलपुर में 23 अगस्त 2025 को मध्य प्रदेश शासन द्वारा उद्घाटित राज्य का सबसे बड़ा फ्लाईओवर अब गंदगी, स्टंटबाजी, और यातायात जाम के लिए चर्चा में है। यह फ्लाईओवर, जो मदनमहल से दमोहनाका तक 6.855 किलोमीटर लंबा है, यातायात को सुगम बनाने के लिए बनाया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा इसका उपयोग सोशल मीडिया रील्स, स्टंट, और गंदगी फैलाने के लिए ज्यादा हो रहा है। पान की पीक, बियर की बोतलें, और रील्स बनाने की होड़ ने फ्लाईओवर की स्वच्छता और सुंदरता को प्रभावित किया है। प्रशासन ने इसे नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई शुरू की है। यह स्थिति कैसे बनी, और इसका समाधान क्या हो सकता है? आइए विस्तार से जानते हैं।
23 अगस्त 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। इस 6.855 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर की लागत 1052 करोड़ रुपये रही, और यह मदनमहल से दमोहनाका तक फैला है। इसका उद्देश्य जबलपुर के 10 प्रमुख चौराहों पर यातायात जाम (traffic congestion) को कम करना और यात्रा समय को 40-45 मिनट से 6-8 मिनट तक लाना था। इसके नीचे बास्केटबॉल कोर्ट, चिल्ड्रन पार्क, और 50,000 पौधों की हरियाली भी विकसित की गई, जिससे यह न केवल यातायात सुविधा बल्कि सामुदायिक गतिविधियों का केंद्र भी बने।

उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद, यह फ्लाईओवर रील्स बनाने और स्टंटबाजी का अड्डा बन गया। स्थानीय युवा मोटरसाइकिल और SUV पर खतरनाक स्टंट करते हुए सोशल मीडिया के लिए वीडियो बना रहे हैं। एक घटना में, एक SUV पर सात लोग बैठकर स्टंट करते पकड़े गए, जबकि दूसरी में मोटरसाइकिल पर छह लोग सवार थे। इसके अलावा, फ्लाईओवर पर पान की पीक, बियर की बोतलें, और अन्य कचरा आम मिल रहा है, जिसने इसकी स्वच्छता और सुंदरता को प्रभावित किया है।
नगर निगम के अधिकारी उमाकांत शर्मा ने बताया, “हम लोगों को समझाइश दे रहे हैं, लेकिन बार-बार उल्लंघन पर कार्रवाई होगी।” जबलपुर पुलिस ने भी सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल के जरिए वायरल वीडियो पर कार्रवाई शुरू की, जिसमें 100 से अधिक लोगों पर चालान काटे गए और 80,000 रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने 1 सितंबर 2025 को फ्लाईओवर का निरीक्षण किया और जनता से इसे केवल यातायात के लिए उपयोग करने की अपील की। उनके साथ शहर के विधायक और महापौर जगत बहादुर सिंह भी थे। उन्होंने जनता को शपथ दिलाई कि वे फ्लाईओवर पर गंदगी न फैलाएं और स्टंटबाजी से बचें। पुलिस ने रात के समय विशेष अभियान चलाकर स्टंटबाजों पर नकेल कसी, लेकिन समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई।
नगर निगम ने फ्लाईओवर पर एक विशेष टीम तैनात की है, जो लोगों को समझाइश दे रही है। साथ ही, प्रशासन ने CCTV निगरानी और नियमित सफाई अभियान शुरू करने की योजना बनाई है ताकि स्वच्छता बनी रहे।
जबलपुर की जनता ने इस फ्लाईओवर को सोशल मीडिया हॉटस्पॉट बना दिया, जिससे यातायात जाम (traffic issues) की समस्या फिर से उभर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि नागरिकों की जिम्मेदारी के बिना इस तरह के बुनियादी ढांचे की सुंदरता और उपयोगिता बरकरार रखना मुश्किल है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जबलपुर को स्वच्छ शहर बनाने की कोशिशें चल रही हैं, लेकिन फ्लाईओवर पर पान की पीक और कचरे ने इन प्रयासों पर सवाल उठाए हैं।
स्थानीय निवासी रमेश शर्मा ने कहा, “यह फ्लाईओवर हमारी सुविधा के लिए है, लेकिन कुछ लोग इसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें जागरूक होना होगा।” दूसरी ओर, युवा समूहों का कहना है कि प्रशासन को फ्लाईओवर के पास मनोरंजन के वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने चाहिए ताकि स्टंटबाजी की प्रवृत्ति कम हो।
जबलपुर का यह फ्लाईओवर, जिसे मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर (Madhya Pradesh longest flyover) के रूप में गर्व के साथ उद्घाटित किया गया, अब गंदगी और स्टंटबाजी के कारण बदनाम हो रहा है। यह न केवल प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि जबलपुर की जनता के लिए भी एक मौका है कि वे अपनी संस्कारधानी की छवि को बनाए रखें। प्रशासन की सख्ती और जनता की जागरूकता से ही इस फ्लाईओवर की रौनक वापस लौट सकती है।

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