मुरैना, 18 सितंबर 2025 (अजय वर्मा)। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों द्वारा लगाए गए एक विवादित बैनर ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। बैनर में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और BJP नेता सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की गई है, साथ ही एक धमकी भरा संदेश दिया गया है। यह घटना सिंधिया की हालिया यात्रा के ठीक बाद घटी, जिससे सियासी गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या यह BJP के अंदरूनी कलह का संकेत है या वाकई जनता का मूड बदल रहा है।

घटना की पृष्ठभूमि में देखें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुरैना से गहरा नाता रहा है। 2018 में कांग्रेस के दौर में भी उनके समर्थकों ने इसी तरह की मांगें उठाई थीं, जब कमलनाथ सरकार बनी तो सिंधिया को CM न बनाए जाने से असंतोष बढ़ा। 2020 में सिंधिया के BJP में आने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई, और सिंधिया केंद्रीय मंत्री बने। अब 2025 में, वर्तमान CM मोहन यादव के नेतृत्व वाली BJP सरकार में सिंधिया का प्रभाव बढ़ा है, लेकिन समर्थक फिर से उनकी CM की दावेदारी दोहरा रहे हैं। समयरेखा के अनुसार, 13 सितंबर को सिंधिया मुरैना पहुंचे, जहां उन्होंने जिले के लिए नई एयरपोर्ट सुविधाओं की घोषणा की और किसानों के लिए 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी योजना का विस्तार किया। इसी शाम या अगले दिन बेरियल चौराहे पर बैनर लगा दिया गया।

मुख्य घटना के विवरण में, बैनर का साफ-साफ संदेश है: “श्रीमंत महाराज साहब ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को मुख्यमंत्री बनाओ, नहीं तो अपनी खैर बचाओ।” यह बैनर संत समाज सेवा समिति, मुरैना द्वारा लगाया गया, जिसके अध्यक्ष भगवान दास त्यागी ने नाम दर्ज कराया। त्यागी ने कहा, “सिंधिया जी ने हमेशा समाज के हित में काम किया है। अब समय आ गया है कि प्रदेश की कमान उन्हें सौंपी जाए।” यह बैनर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे राज्य में चर्चा छिड़ गई। मुरैना BJP का गढ़ है, और सिंधिया का ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में मजबूत आधार है, जो इस मांग को और महत्वपूर्ण बनाता है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी के क्षेत्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं ने इस मसले पर अभी चुप्पी साध रखी है। न तो स्थानीय सांसद, न ही केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इस बैनर पर कोई प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, सिंधिया समर्थकों का कहना है कि जनता उन्हें सीएम के तौर पर देखना चाहती है क्योंकि 2020 के राजनीतिक हलचल के बाद उनकी लोकप्रियता और संगठन क्षमता दोनों बढ़ी हैं।
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राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की बात करें तो कांग्रेस ने इसे BJP के अंदरूनी कलह का प्रमाण बताया। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह “राजनीतिक उन्माद” है और सिंधिया कैंप की ओर से CM मोहन यादव को निशाना बनाने की कोशिश। वहीं, BJP समर्थकों ने इसे जनभावना का प्रकटीकरण करार दिया, लेकिन पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। सिंधिया ने अभी तक इस बैनर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि यह स्थानीय समर्थकों का उत्साह है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह घटना 2028 विधानसभा चुनावों से पहले BJP में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना को जन्म दे रही है।

जिला प्रशासन ने बैनर पर नजर रखी लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है। औपचारिक शिकायत या FIR दर्ज नहीं हुई है, लेकिन निगरानी बढ़ा दी गई है। स्थानीय नागरिकों और समर्थकों ने इस मुद्दे को प्रदेश की राजनीतिक दिशा तय करने वाला बताया है।
मुरैना में सिंधिया समर्थकों का यह धमाकेदार बैनर प्रदेश में राजनीतिक बहस और चुनावी रणनीतियों को नया मोड़ देने वाला साबित हुआ है। अब देखना होगा कि यह जनभावना है या विपक्ष की रणनीति—लेकिन इतना तय है कि अगले चुनाव तक “CM बनाओ नहीं तो…” जैसी मांगें सियासी गली-चौराहों पर लगातार गूंजती रहेंगी।
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