मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित टिकरिया पुलिस पर सोशल मीडिया में लगाए जा रहे आरोपों को लेकर विभाग ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। हाल ही में नेशनल हाईवे पर चल रहे यातायात सुरक्षा अभियान के दौरान पुलिस के रवैये को लेकर कुछ वीडियो और पोस्ट वायरल हुए थे, जिनमें पुलिस पर ‘दबंगई’ और ‘दबाव’ डालने के इल्ज़ाम लगाए गए थे। इन आरोपों को टिकरिया पुलिस ने पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए साफ किया है कि उनका कामकाज नियमों के तहत और पूरी तरह पारदर्शी है।

मंडला, 24 सितम्बर 2025 (फिरदौस ख़ान)। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों ने मंडला जिले की टिकरिया पुलिस को जवाब देने पर मजबूर कर दिया है। हाल के दिनों में यातायात सुरक्षा अभियान के तहत नेशनल हाईवे पर हो रही वाहन चेकिंग के दौरान कुछ लोगों ने पुलिस के बर्ताव पर सवाल उठाए थे। इन आरोपों के जवाब में पुलिस प्रशासन ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई किसी को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा के लिए की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वाहन चालकों के दस्तावेजों जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और बीमा की जाँच करना उनका वैधानिक अधिकार और अहम ज़िम्मेदारी है। यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जाता है कि सड़कों पर सिर्फ़ वैध और सुरक्षित वाहन ही चलें।
अधिकारी यह भी बताते हैं कि चालान काटने के बाद चालकों के पास दो विकल्प होते हैं: या तो वे चालान की राशि सीधे कोर्ट में जमा करें, या मौके पर ही रसीद लेकर भुगतान कर दें। किसी भी चालक पर ज़बरदस्ती या दबाव डालने जैसी बातें सिर्फ़ अफ़वाह हैं। टिकरिया पुलिस का ज़ोर हमेशा जनता के साथ सम्मानजनक और मददगार व्यवहार पर रहा है।
सोशल मीडिया पर अक्सर आधी-अधूरी जानकारी के साथ वीडियो बनाकर एकतरफा कहानी पेश की जाती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसे भ्रामक प्रचार से बचें और सच्चाई जानने के लिए सीधे पुलिस विभाग से संपर्क करें। उनका स्पष्ट संदेश है कि उनका एकमात्र लक्ष्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना और जनता को सुरक्षित रखना है, किसी को बेवजह परेशान करना नहीं।
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