कानपुर। भारतीय शेयर बाज़ार में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार सातवें दिन भी जारी रहा, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है। वहीं इसके बिल्कुल उलट, सोना और चांदी की कीमतों में तेज़ उछाल दर्ज किया गया, जहाँ चांदी 7,000 रुपये बढ़कर 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुँच गई। यह उठापटक ऐसे समय में हुई है जब डॉलर के मुकाबले रुपया 88.79 के स्तर पर कमजोर हुआ और भारतीय रिज़र्व बैंक की आगामी ब्याज दर घोषणा से पहले निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं।
Highlights
- भारतीय शेयर बाज़ार लगातार सातवें ट्रेडिंग दिन गिरावट के साथ बंद हुआ।
- चांदी की कीमत में 7,000 रुपये का बड़ा उछाल, 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुँची।
- डॉलर के मुकाबले रुपया 88.79 के स्तर पर बंद हुआ, 7 पैसे की गिरावट दर्ज।
- विदेशी फंडों की लगातार निकासी और बैंकिंग शेयरों में दबाव बाज़ार टूटने का मुख्य कारण।
- विशेषज्ञों ने निवेशकों को मौजूदा अस्थिरता के बीच सावधानी बरतने की सलाह दी है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ हफ्तों से शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार निकासी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण बाजार में गिरावट का दौर जारी है। पहले छह दिनों की गिरावट के बाद सातवें दिन भी सेंसेक्स और निफ्टी में कमी देखी गई, जो मुख्य रूप से बैंकिंग और वित्तीय शेयरों से प्रभावित हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और आरबीआई की आगामी मौद्रिक नीति बैठक से पहले निवेशक जोखिम से बच रहे हैं।
मुख्य घटनाक्रम में सोमवार को रुपये की कमजोरी ने बाजार को और प्रभावित किया। विदेशी फंडों ने लगातार बिकवाली की, जिससे बैंकिंग सेक्टर के शेयर सबसे ज्यादा दबाव में आए। दूसरी ओर, कमोडिटी बाजार में सोना और चांदी ने निवेशकों को आकर्षित किया। चांदी की कीमत में 7,000 रुपये की तेजी आई और यह 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जबकि सोना भी रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। ज्वेलरी कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि त्योहारी सीजन जैसे दिवाली के करीब आने से मांग में और इजाफा हो सकता है।

कानपुर के एक ज्वेलर राजेश अग्रवाल ने बताया, “सोने-चांदी की कीमतें बढ़ने से ग्राहक थोड़े हिचकिचा रहे हैं, लेकिन शादी-ब्याह के मौके पर खरीदारी जारी रहेगी। पिछले साल की तुलना में इस बार 20 प्रतिशत ज्यादा मांग की उम्मीद है।” वहीं, स्टॉक ब्रोकर संजय मेहता ने कहा, “बाजार की गिरावट से छोटे निवेशक चिंतित हैं, कई लोग अब सोने में शिफ्ट हो रहे हैं।”
स्थानीय स्तर पर इसकी चपेट में साधारण निवेशक और कारोबारी आ रहे हैं। कानपुर जैसे शहरों में जहां ज्वेलरी बाजार बड़ा है, वहां त्योहारी सीजन में कीमतों के बढ़ने से आम परिवारों की जेब पर बोझ पड़ेगा। शेयर बाजार की गिरावट से बैंक लोन और निवेश योजनाएं प्रभावित हो रही हैं, जिससे छोटे कारोबारियों की आजीविका पर असर पड़ सकता है। ट्रेडिंग कम होने से ब्रोकरेज फर्मों पर भी दबाव है।
आर्थिक विश्लेषक डॉ. अमित शर्मा ने अपनी राय में कहा कि डॉलर की मजबूती और वैश्विक तनाव से बाजार अस्थिर है, लेकिन सोना-चांदी जैसे सेफ हेवन एसेट्स लंबे समय में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। कमोडिटी एक्सपर्ट रीता जैन का मानना है कि त्योहारी मांग से कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
बिजनेस रणनीतिकारों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे घबराकर अपने शेयर न बेचें। उन्हें ऐसे समय में गुणवत्तापूर्ण (Quality) शेयरों में निवेश बनाए रखना चाहिए और छोटी अवधि के लाभ के बजाय दीर्घकालिक रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आरबीआई की घोषणा के बाद बाज़ार की दिशा स्पष्ट होने की उम्मीद है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक, आधिकारिक वेबसाइट

लेखक – आयुष गुप्ता, कानपुर, उत्तर प्रदेश दिनांक: 29 सितंबर 2025 मोबाइल: 94503 16232
(आयुष गुप्ता पिछले 7 वर्षों से उत्तर प्रदेश और मध्य भारत के आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं।)

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