2 घंटे में 200 सिलेंडर क्यों फटे? RTO चेकिंग से बचने के चक्कर में ड्राइवर ने क्या बड़ी गलती कर दी?

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जयपुर। जयपुर-अजमेर नेशनल हाईवे पर मंगलवार देर रात दूदू के मोखमपुरा के पास एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसने राजस्थान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक केमिकल टैंकर और एलपीजी सिलेंडर से भरे ट्रक की टक्कर हो गई, जिसके बाद आग लगने से लगभग 200 सिलेंडर लगातार दो घंटे तक धमाकों के साथ फट गए। इस हादसे में एक व्यक्ति की जिंदा जलने से मौत हो गई और चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए।


Quick Highlights
  • जयपुर-अजमेर हाईवे पर दूदू के पास केमिकल टैंकर और एलपीजी सिलेंडर ट्रक में भीषण टक्कर।
  • टक्कर के बाद टैंकर में आग लगी, जिससे ट्रक में रखे करीब 200 सिलेंडर दो घंटे में फट गए।
  • धमाकों की आवाजें 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दीं और सिलेंडर 500 मीटर दूर खेतों में गिरे।
  • हादसे का मुख्य कारण RTO चेकिंग से बचने के लिए टैंकर ड्राइवर का अचानक तेज रफ्तार में गाड़ी मोड़ना था।
  • हादसे में टैंकर के केबिन में फँसे एक व्यक्ति की मौत और चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
  • हाईवे पर 20 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा; 12 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने 3 घंटे बाद आग पर काबू पाया।

ग्राउंड रिपोर्ट: रातभर गूंजते रहे धमाके

यह हादसा मंगलवार देर रात मोखमपुरा के पास हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाकों की आवाजें इतनी भयानक थीं कि वे 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दीं। एलपीजी सिलेंडर के टुकड़े 500 मीटर दूर खेतों में जाकर गिरे, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। ट्रक में कुल करीब 330 सिलेंडर थे, जिनमें से 200 से अधिक फटे।

RTO चेकिंग बनी हादसे का कारण

हादसे का जो कारण सामने आया है, वह परिवहन व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, केमिकल टैंकर के ड्राइवर ने RTO (Regional Transport Office) की गाड़ी देखकर घबरा गया। चेकिंग से बचने के प्रयास में उसने अचानक तेज रफ्तार में गाड़ी सड़क किनारे बने ढाबे की तरफ मोड़ दी, और ब्रेक लगाने के बजाय सीधा एलपीजी सिलेंडर ट्रक से टकरा गया। खास बात यह है कि एलपीजी ट्रक ड्राइवर और खलासी हादसे के समय ढाबे पर खाना खा रहे थे, जिससे उनकी जान बच गई।

जनहानि और बचाव कार्य

हादसा इतना भीषण था कि केमिकल टैंकर के केबिन में फँसे एक व्यक्ति की जिंदा जलने से दर्दनाक मौत हो गई, और चार अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए। आग की भयानकता के चलते राहत व बचाव कार्यों में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जले हुए ट्रक से जो कंकाल बरामद हुआ है, उसकी पहचान के लिए डीएनए जांच की जाएगी। फायर ब्रिगेड की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।

प्रशासनिक और ट्रैफिक व्यवस्था

इस घटना के तुरंत बाद हाईवे को दोनों ओर से बंद कर दिया गया, जिससे 20 किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया। सुबह 4:30 बजे तक ही हाईवे पर ट्रैफिक आंशिक रूप से शुरू हो पाया। दुर्घटना स्थल पर डिप्टी सीएम, आईजी, एसपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे। इस हादसे ने राजस्थान में सड़क परिवहन सुरक्षा, RTO चेकिंग की प्रक्रिया और रसायन-गैस सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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