शहडोल/बुढार। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बुढार थाना क्षेत्र में अवैध गतिविधियों और उन्हें कथित रूप से प्राप्त संरक्षण को लेकर गंभीर चर्चाएं सामने आई हैं। हाल ही में हुए बुढार के पूर्व थाना प्रभारी के तबादले के बाद, क्षेत्र में यह व्यापक रूप से चर्चा का विषय बन गया है कि अवैध कोयला, रेत, शराब और कबाड़ कारोबार से जुड़े माफियाओं को किस तरह का सहयोग प्राप्त था।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, तबादला होते ही अवैध कारोबार का नेटवर्क प्रभावित हुआ है, जिससे कई अनौपचारिक प्रक्रियाओं और लेन-देन के तरीकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
Quick Highlights
- चर्चा का विषय: शहडोल के बुढार थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार और उन्हें मिल रहे कथित संरक्षण को लेकर गंभीर चर्चाएं।
- अवैध गतिविधियाँ: अवैध कोयला, रेत, शराब और कबाड़ कारोबार से जुड़े माफियाओं की सक्रियता सवालों के घेरे में।
- ट्रिगर: पूर्व थाना प्रभारी के तबादले के बाद ‘सहयोग’ का चैनल बंद होने की चर्चा।
- स्थानीय रिपोर्ट: चर्चा है कि पूर्व थाना प्रभारी किसी भी कीमत पर बुढार थाने की कमान वापस पाने की कोशिश में जुटे हैं।
- मांग: स्थानीय जनता अवैध कारोबार और संरक्षण के गठजोड़ की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है।
‘संरक्षण’ के अनौपचारिक तरीकों पर सवाल – तबादले ने बढ़ाई चर्चा
बुढार थाना क्षेत्र में लंबे समय से अवैध कारोबार की सक्रियता को लेकर स्थानीय लोगों में असंतोष व्याप्त रहा है। बताया जा रहा है कि इस कारोबार से जुड़े माफिया एक अविश्वसनीय (Informal) चैनल के माध्यम से कथित रूप से ‘सहयोग’ प्राप्त कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय स्तर पर ऐसी चर्चाएं हैं कि इस अनौपचारिक सहयोग के तहत अनियमित आर्थिक लेन-देन होते थे।
हाल ही में हुए पूर्व थाना प्रभारी के तबादले के बाद, यह सहयोग तंत्र प्रभावित हुआ है, जिससे अवैध कारोबार से जुड़े लोगों में हलचल मच गई है। इस बदलाव ने स्थानीय स्तर पर कई सवालों को जन्म दिया है कि किस प्रकार और किस स्तर पर इन अवैध गतिविधियों को अनदेखा किया जा रहा था।
स्थानीय आक्रोश और मांग
स्थानीय लोगों का मत है कि बुढार में माफियाओं का बेखौफ होना इस बात का प्रमाण है कि उन्हें सिस्टम के भीतर से किसी न किसी प्रकार का संरक्षण प्राप्त था।
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अब लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं:
- क्या इस कथित ‘वसूली’ के तार उच्चाधिकारियों तक जुड़े थे?
- क्या विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारी इस अनौपचारिक नेटवर्क से अनभिज्ञ थे?
- क्या बुढार में चल रहे अवैध कारोबार को प्रशासनिक स्तर पर अप्रत्यक्ष सहयोग प्राप्त था?
क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि पूर्व थाना प्रभारी अपना तबादला निरस्त कराकर बुढार थाने की कमान वापस पाने की कोशिश में लगे हैं, जो इस स्थान के आर्थिक महत्व को दर्शाता है।
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आगे की कार्रवाई की अपेक्षा
स्थानीय जनता की मांग है कि पुलिस और प्रशासन का उच्च नेतृत्व इन गंभीर चर्चाओं का संज्ञान ले। लोगों की अपेक्षा है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए, ताकि अवैध गतिविधियों और उन्हें कथित रूप से मिल रहे संरक्षण के स्रोत को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके और लोकतंत्र में विश्वास बहाल हो सके।
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