मुंबई, नवंबर 2025 (एमपी जनक्रांति न्यूज) सोनी सब का लोकप्रिय शो ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ इन दिनों अपने 7 साल के बड़े लीप के कारण चर्चा में है। शो की मुख्य किरदार पुष्पा, यानी करुणा पांडे अब एक वकील बन चुकी हैं। एक ऐसी महिला जो जिंदगी में संघर्षों से लड़ते हुए पढ़ाई पूरी करती है, बच्चों की परवरिश करती है, व्यवसाय संभालती है और अब न्याय के लिए अदालत में कदम रखती है—इस नई यात्रा ने दर्शकों को दोबारा शो से जोड़ दिया है।
करुणा पांडे ने एक खास बातचीत में बताया कि इस नए रूप को निभाना उनके लिए कितना खास है।
“वकील बनना पुष्पा की स्वाभाविक और मजबूत प्रगति थी” – करुणा पांडे
करुणा कहती हैं—
“पुष्पा हमेशा से जरूरतमंदों के साथ खड़ी रही है। जब मुझे बताया गया कि लीप के बाद वह वकील बनेगी, मैं बहुत खुश हुई। वकील बनना उसके सफ़र का स्वाभाविक हिस्सा है। अब वह सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी आवाज़ उठा पाएगी।”
उन्होंने बताया कि वकालत की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने कोर्टरूम वीडियोज़ देखे, लोगों से बातचीत की और वकीलों का कामकाज समझा, लेकिन शो की स्क्रिप्ट ही असली मार्गदर्शक रही।
40 की उम्र में पढ़ाई से लेकर वकील बनने तक—पुष्पा ने तोड़ दी टीवी की परंपराएँ
करुणा पांडे मानती हैं कि एक महिला का 40 की उम्र में पढ़ाई दोबारा शुरू करना, स्कूल जाना, व्यवसाय चलाना और फिर वकील बनना—टीवी पर बहुत कम दिखाया जाता है, लेकिन पुष्पा की कहानी लाखों महिलाओं को प्रेरित करती है।
उनके मुताबिक—
“पुष्पा का मूल स्वभाव वही है—सीधी, दिल से, मासूम। लेकिन उसमें जबरदस्त विकास आया है। वह अब समझती है कि कहाँ आवाज़ उठानी है और कहाँ धैर्य रखना है।”
परिवार के रिश्तों में बदलाव पर क्या कहती हैं करुणा?
7 सालों के लीप के बाद बच्चे बड़े हो चुके हैं और अपनी जिंदगी जी रहे हैं। करुणा बताती हैं—
“रिश्तों की डाइनामिक्स बदली हैं, पर प्यार वही है। पुष्पा अब भी माँ है—चिंतित भी रहती है, लेकिन अब उसे सीमाएँ समझ आ गई हैं कि कितना हस्तक्षेप करना है और कहाँ बच्चों को खुद फैसले लेने देना है।”
पुरुष-प्रधान कानूनी दुनिया में पुष्पा की चुनौती
करुणा कहती हैं—
“वकालत की दुनिया में पुरुषों का दबदबा आज भी एक हकीकत है। शो इस सच्चाई को दिखाएगा। महिलाएँ अब हर क्षेत्र में बराबरी चाहती हैं और आगे बढ़ रही हैं। पुष्पा का यह सफ़र हमारी महिला दर्शकों को बहुत प्रेरित करेगा।”
वकील बनते ही पुष्पा के सामने आने वाली चुनौतियाँ
उन्होंने बताया कि वकालत एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ दिल से ज़्यादा दिमाग, सबूत और रणनीति चलती है।
“पुष्पा को सबसे बड़ा संघर्ष यह होगा कि वह अपने दिल की आवाज़ और कानून की तकनीकी दुनिया के बीच बैलेंस कैसे बनाए। यह नई यात्रा उसके नैतिक मूल्यों और भावनात्मक ताकत की असली परीक्षा होगी।”
“पुष्पा ने मुझे पर्सनली भी बदला है”— करुणा पांडे
करुणा बताती हैं—
“इतने साल यह किरदार निभाते हुए मैंने भी उससे बहुत कुछ सीखा है—जो सही है उसके लिए डटे रहना, बेकार की चीज़ों पर ऊर्जा न गंवाना और जीवन में सकारात्मक रहना—ये बातें पुष्पा ने मुझे भी सिखाई हैं।”
दर्शकों—खासकर महिलाओं—को क्या सीख मिलेगी?
करुणा पांडे कहती हैं—
“महिलाएँ पुष्पा के सफ़र से सीख सकती हैं कि हालात कैसे भी हों, सीखने, आगे बढ़ने और अपनी पहचान बनाने के लिए कभी देर नहीं होती। कठिन समय में कैसे खड़ा रहना है—यह भी पुष्पा सिखाती है।”
शो का नया अध्याय दर्शकों के लिए रोमांच, भावनाएँ और प्रेरणा लेकर आया है, और पुष्पा का वकील रूप निश्चित ही दर्शकों का दिल जीतने वाला है।

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