बुरहानपुर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने की सामूहिक शिकायत—आनंद दीक्षित पर ब्लैकमेलिंग, दबाव, रंगदारी व जमानत उल्लंघन के गंभीर आरोप

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बुरहानपुर। जिला अस्पताल बुरहानपुर में फैले भय और अव्यवस्था के माहौल को लेकर जिले के 14 से अधिक डॉक्टरों ने एकजुट होकर पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर को एक सामूहिक लिखित शिकायत सौंपी है। शिकायत में आनंद दीक्षित (सूर्याकांत दीक्षित) और उसके सहयोगी राकेश सेईवाल पर ब्लैकमेलिंग, रिकॉर्ड में दखल, अस्पताल के कामकाज में बाधा, और डॉक्टरों को बदनाम करने की साजिश के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

यह शिकायत ऐसे समय आई है जब हाल ही में ही आनंद दीक्षित के खिलाफ एक अन्य केस—रंगदारी वसूली का मामला—भी दर्ज हुआ है, जिसमें एक केला व्यापारी ने आरोप लगाया था कि यूट्यूबर संजय दुबे और आरटीआई कार्यकर्ता राकेश सेईवाल के साथ मिलकर उन पर 10 लाख रुपये की डिमांड की गई और 2.50 लाख रुपये लेने के बाद भी धमकियों का सिलसिला जारी रहा।

इन घटनाओं को जोड़कर देखने पर स्पष्ट होता है कि मामला केवल व्यक्तिगत विवाद का नहीं, बल्कि लगातार चल रही धमकी और अवैध दखलअंदाजी की एक व्यवस्थित श्रृंखला का है।

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डॉक्टरों के आरोप: “जमानत पर चल रहा है, फिर भी रोज अस्पताल में घुस रहा है”

डॉक्टरों ने अपने आवेदन में लिखा है कि आनंद दीक्षित एक गबन प्रकरण में जमानत पर चल रहा है, जिसमें शर्त रखी गई थी कि वह किसी भी सरकारी संस्थान में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
इसके बावजूद वह—

  • जिला अस्पताल में बिना अनुमति नियमित रूप से आ रहा है,
  • रिकॉर्ड निकलवाने की कोशिश करता है,
  • डॉक्टरों और स्टाफ को डराने जैसा माहौल बनाता है,
  • और अधिकारियों के नाम लेकर दवाब बनाता है।

डॉक्टरों के अनुसार यह व्यवहार अस्पताल की संवेदनशील सेवाओं को प्रभावित कर रहा है और यह पूरी तरह से जमानत शर्तों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

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पुराना मामला: अस्पताल गबन प्रकरण में दीक्षित जमानत पर

डॉक्टरों ने शिकायत में यह भी उल्लेख किया कि आनंद दीक्षित—
कुछ समय पहले जिला अस्पताल से जुड़े राशि गबन मामले में आरोपी बनाया गया था।
जमानत मिलने के बाद कोर्ट ने उसे संस्थान में हस्तक्षेप न करने की सख्त शर्तें दी थीं।

लेकिन डॉक्टरों का आरोप है कि—

“गबन मामले में जमानत पर होने के बाद भी वे अस्पताल में आते हैं और डॉक्टरों व स्टाफ को डराते-धमकाते दिखे हैं। यह सीधे-सीधे न्यायालय की शर्तों का उल्लंघन है।”

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ताज़ा मामला: यूट्यूबर संजय दुबे, RTI कार्यकर्ता राकेश सेईवाल और आनंद दीक्षित पर रंगदारी का केस दर्ज

शिकायत पत्र से कुछ ही दिन पहले शाहपुर पुलिस ने एक बड़ा मामला दर्ज किया था।
इसमें चापोरा निवासी सुधीर पाटिल ने आरोप लगाया था कि—

  • यूट्यूबर संजय दुबे,
  • आरटीआई कार्यकर्ता राकेश सेईवाल,
  • और आनंद दीक्षित

उन्हें पिछले एक साल से असीरगढ़ क्षेत्र की विवादित जमीन को लेकर 10 लाख रुपये की रंगदारी मांग रहे थे

पीड़ित ने बताया था कि—

  • 2.50 लाख रुपये उन्हें देने पड़े
  • इसके बाद भी धमकी, डराना, वीडियो बनाकर बदनाम करने की कोशिश जारी रही
  • सोशल मीडिया पर वॉयस रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी
  • आरोपी खुद को प्रभावशाली बताकर दबाव बनाते थे

शाहपुर पुलिस ने तीनों के खिलाफ BNS की धारा 308(2) और 3(5) में FIR दर्ज की थी।

डॉक्टरों की शिकायत इस नए प्रकरण को और भी मजबूत करती है कि उनसे जुड़े लोग लगातार ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली जैसी गतिविधियों में शामिल हैं।

डॉक्टरों की नई शिकायत: अस्पताल को ‘डर और अविश्वास’ का केंद्र बना दिया गया

डॉक्टरों ने अपने आवेदन में लिखा है कि आनंद दीक्षित के कारण—

• गोपनीय रिकॉर्ड का गलत उपयोग होने का डर बढ़ गया है

• स्टाफ और डॉक्टर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं

• कई विभागों की रोजमर्रा की प्रक्रियाएँ प्रभावित हो रही हैं

• गलत आरोपों के माध्यम से डॉक्टरों की छवि खराब करने की कोशिश चल रही है

डॉक्टरों का कहना है कि—

“108 जैसी आपात सेवाओं से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक, हर जगह स्टाफ पहले से ही कम है। ऐसे में बाहर से आने वाली हस्तक्षेप और धमकियाँ अस्पताल की कार्यप्रणाली को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं।”

डॉक्टरों की मांगें

डॉक्टरों ने SP से दो प्रमुख मांगें की हैं—

  1. आनंद दीक्षित की गतिविधियों की निगरानी कर उनके जमानत उल्लंघन की जाँच की जाए
  2. उनके तथा उनके सहयोगियों का जिला अस्पताल में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए

डॉक्टरों ने यह भी कहा है कि प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

अब अगले कदम पर सभी की नजरें

SP कार्यालय ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है और कहा है कि—

“मामला गंभीर है, जाँच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।”

अब जिले की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि—

क्या पुलिस दोनों मामलों (जमानत उल्लंघन + रंगदारी प्रकरण) को जोड़कर कठोर कार्रवाई करेगी,
या यह मामला भी पिछले कई मामलों की तरह समय के साथ धीमा पड़ जाएगा?

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