मुस्तकीम मुगल:-राज्य आनंद संस्थान का अल्पविराम कार्यक्रम जिला जेल मे आयोजित किया गया। जेल अधीक्षक एसबी शरण उप प्रभारी संस्कृताजी जोशी ने मां सरस्वती के पुजन दिप प्रज्वलित के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
चन्द्र शेखर आजाद जी का बलिदान दिवस पर नमन वदं
इस अवसर पर
जिला सम्पर्क अधिकारी श्री अरविन्द जी गेहलोत , मास्टर ट्रेनर श्रीमति साधना जी ष्ट्रायबल,आनंद सहयोगी श्रीमति पूर्णिमा जी व्यास व आनंद सहयोगी संदिपजी राठोड़ व जेल के 70 बंदी उपस्थिति रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ इतनी शक्ति देना दाता के प्रेरणा गीत से प्रारंभ हुआ।प्रथम सत्र में श्री गेहलोत जी ने किसी को माफ कर देना माफी मांग लेना पर विस्तृत उदाहरणों के साथ अपने अनुभव बताएं। साथ ही साक्षरता पर भी अपने विचार साझा किए।
साधना जी ने ताली बजाते हुए गणना को मन में सोचना बजाने के बाद उसकी गणना सोची हुई गिनती से कितनी अधिक थी,ईश्वर ने हम में क्षमताए भरपुर दी है,पर हम उसका उपयोग सही से नहीं कर पाते हैं,बताने का प्रयास किया। साथ ही एक गुलदस्ते के माध्यम से उपरी आवरण व अन्दर मन मस्तिष्क में चल रही उथल पुथल को विभिन्न सामग्री के माध्यम से सरल तरीके से प्रस्तुत किया। साधना जी के द्वारा आदिवासी गीत की सुन्दर प्रस्तुति दी गई,जिससे सभी बंदी भाई आनंदित हो गए।
कार्यक्रम के मध्य में विडियो के माध्यम से भी बंदियों को समझाने का प्रयास किया गया।
पश्चात श्रीमती पूर्णिमा व्यास ने सिकल सेल बिमारी के लक्षण,कारण,निदान रक्तदान के महत्व को समझाया साथ ही नशा शरीर के लिए क्यूं हानिकारक है,इसके प्रभाव को बताते हुए अल्पविराम में शांत समय के महत्व को समझाया। बीच बीच में बंदियों से उनके मन के भावों को जानने का प्रयास भी किया,बंदियों ने रक्तदान करने का संकल्प भी लिया।
साथ ही हमारी कितने लोगों ने कब कब मदद की और हमने कितने लोगों की कब कब मदद की पुछने पर बंदियों ने भी अपनी बातों को खुलकर शैयर किया। संसकृता जी ने बंदियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए ईश्वर ने हमें महत्व पूर्ण अंग “भेजा” देकर “भेजा” है,इसे यूं बर्बाद ना करें ! इसका उपयोग अच्छे नेक कामों के साथ अपने आचार विचार में शुद्धता सहजता को लाए।
चिंता से मुक्त रहकर लम्बी सी मुस्कान के साथ रहे।
संस्कृता जी ने मुस्कान के साथ कहा ऐसा कार्यक्रम मेने प्रथम बार देखा है,एसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए। जेल अधीक्षक श्री शरणजी ने भी अपने विचार रखे।
मध्यान्ह में अल्पाहार का आनंद लिया। कार्यक्रम में बंदियों के द्वारा संगीत के साथ सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी गई जो मनमोहक थी।बंदियों ने मनसा व्यक्त की आज का कार्यक्रम हमें बहुत ही अच्छा लगा,हमने बहुत कुछ सीखा समझा जिसे हम भविष्य में दोहराएंगे और एक अच्छे नागरिक बनकर दिखाएंगे।
इस अवसर पर जेल के अधिकारी कर्मचारीयों का विशेष सहयोग रहने पर राज्य आनंद संस्थान आप का आभार व्यक्त करता है।